योग को लेकर मोदी पर लालू की चुटकी से छिडा ट्विटर युद्ध
नयी दिल्ली: राजद नेता लालू प्रसाद की योग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई चुटकी को लेकर आज ट्विटर पर तकरार छिड गई जिसमें भाजपा ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कल के आयोजन से अनुपस्थिति को लेकर कटाक्ष किया. लालू ने ट्विटर पर मोदी और देश के पहले प्रधानमंत्री […]
नयी दिल्ली: राजद नेता लालू प्रसाद की योग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई चुटकी को लेकर आज ट्विटर पर तकरार छिड गई जिसमें भाजपा ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कल के आयोजन से अनुपस्थिति को लेकर कटाक्ष किया.
लालू ने ट्विटर पर मोदी और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की योग करती तस्वीरें डाली थीं और कहा था ‘‘वास्तविकता और अवास्तविकता में अंतर.’’ नेहरु को एक प्रैक्टिशनर और मोदी को एक उपदेशक बताते हुए लालू ने कहा था ‘‘अभ्यास करने वाले और उपदेशक के बीच अंतर. पहले प्रधानमंत्री नेहरु जी ‘शीर्षासन’ कर रहे हैं और वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी जी ‘आसन’ कर रहे हैं.’’
लालू ने नेहरु की ‘शीर्षासन’ करने वाली और मोदी की ‘अर्ध मत्स्येन्द्रासन’ करने वाली तस्वीर डाली थी. उन्होंने मोदी की मुद्रा की आलोचना करते हुए कहा कि यह ‘अधूरी’ है और यह सिर्फ ‘फोटो-ऑप’ के लिए है.इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की योग आयोजनों से अनुपस्थिति का जिक्र करते हुए कटाक्ष किया.
उन्होंने कहा ‘‘प्रैक्टिशनर फैमिली दुनिया में कहीं छिप रही है और उपदेश दुनिया में हर जगह है.’’ भाजपा महासचिव मुरलीधर राव ने यह भी कहा ‘‘जब दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही थी तब राहुल गांधी कहां थे. पंडित नेहरु ने शीर्षासन किया, राहुल कम से कम वृक्षासन तो कर ही सकते थे.’’ उन्होंने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी की योग पर टिप्पणी को लेकर कहा ‘‘साम्यवादी विचार पुराने हो चुके हैं. वे वर्तमान पीढी की महत्वाकांक्षाओं को नहीं समझते. सीताराम येचुरी के योग पर विचार इसे स्पष्ट कर देते हैं.’’
येचुरी ने कल कहा था कि योग के सभी अभ्यास कुत्ते के बॉडी मूवमेंट में देखे जा सकते हैं. उनकी इस टिप्पणी के बाद सोशल नेटवर्किंग साइटों पर वाकयुद्ध छिड गया था.
उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा नीत राजग सरकार का अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए किया गया प्रयास वास्तव में भारत के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने की कीमत पर हिंदुत्व को आगे बढाने का प्रयास है.