हड़ताली डॉक्टरों पर दिल्ली सरकार ने लगाया एस्मा, काम पर नहीं लौटने पर होगी सख्त कार्रवाई
नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार ने डॉक्टरों की हड़ताल को खत्म करने के लिए एस्मा (अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम) लगा दिया है. डॉक्टर को हड़ताल खत्म करने के लिए सरकार ने उन्हें आज 11 बजे तक का वक्त दिया था, लेकिन वह तय वक्त पर काम पर वापस नहीं पहुंचे. अंतत: सरकार ने एस्मा लगा […]
नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार ने डॉक्टरों की हड़ताल को खत्म करने के लिए एस्मा (अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम) लगा दिया है. डॉक्टर को हड़ताल खत्म करने के लिए सरकार ने उन्हें आज 11 बजे तक का वक्त दिया था, लेकिन वह तय वक्त पर काम पर वापस नहीं पहुंचे. अंतत: सरकार ने एस्मा लगा दिया. एस्मा लगने के बाद डॉक्टरों को तुरंत काम पर लौटना होगा नहीं तो उन पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है.
दिल्ली सरकार के आश्वासन के बाद भी डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म नहीं की. दिल्ली सरकार ने कहा था कि हमें डॉक्टरों की मांग मंजूर है, वह हड़ताल खत्म करके काम पर लौटें. दूसरी तरफ डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली सरकार ने उन्हें फरवरी में भी इस तरह का आश्वासन दिया था, लेकिन फिर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया. फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्र्ट्स एसोसिएशन (फोर्डा) जो डॉक्टरों का संगठन है उसने हड़ताल की घोषणा की. इसमें दिल्ली के लगभग 25 सरकारी अस्पताल के डॉक्टर शामिल हैं. फोर्डा के अध्यक्ष पंकज सोलंकी ने कहा, सरकार बार- बार आश्वासन देती है लेकिन अपने वादे से मुकर जाती है इस बार हड़ताल तभी खत्म होगा जब हमारी मांगें मान ली जायेंगी.
अरविंद केजरीवाल ने माना जायज है डॉक्टरों की मांग
डॉक्टर सबसे ज्यादा अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. डॉक्टर का कहना है कि सरकारी अस्पताल में सुरक्षा संबंधी काफी परेशानी है. हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को इस संबंध में चिट्ठी लिखी लेकिन इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया. दुष्कर्म और चोरी की कई घटनाओं के बाद यह चिट्ठी लिखी गयी थी. डॉक्टरों की इस मांग को दिल्ली सरकार ने जायज ठहराया है. इस संबंध में अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट किया और माना कि डॉक्टरों की ज्यादातर मांग जायज है. स्वास्थ्य विभाग को उनकी मांगों पर गौर करने का निर्देश दिया है. हमारी सरकार जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और यह डॉक्टरों के सहयोग के बगैर संभव नहीं है.
क्या है एस्मा
अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम ( एस्मा) जिसे हड़ताल के दौरान लोगों के जनजीवन को प्रभावित करने के दौरान लगाया जाता है. एस्मा संसद द्वारा पारित अधिनियम है जिसे 1968 में लागू किया गया था. यह भले ही केंद्रीय कानून है लेकिन इसे लागू करने स्वतंत्रता राज्य सरकारों के पास है. यह कानून बेहद सख्त है.