आज होगा सिस्टर निर्मला का अंतिम संस्कार, जानिए उनके जीवन के सफर के बारे में कुछ खास बातें
मिशनरीज ऑफ चैरिटी नामक समाजसेवी संस्था की जिम्मेदारी संभालने वाली सिस्टर निर्मला का मंगलवार की सुबह 81 साल की आयु में निधन हो गया. मदर टेरेसा के बाद वो इस संस्था की जिम्मेदारी संभाल रही थी.सिस्टर निर्मला के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई जानी-मानी हस्तियों ने शोक […]
मिशनरीज ऑफ चैरिटी नामक समाजसेवी संस्था की जिम्मेदारी संभालने वाली सिस्टर निर्मला का मंगलवार की सुबह 81 साल की आयु में निधन हो गया. मदर टेरेसा के बाद वो इस संस्था की जिम्मेदारी संभाल रही थी.सिस्टर निर्मला के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई जानी-मानी हस्तियों ने शोक प्रकट किया है और उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके कार्यों को याद किया है. आज शाम चार बजे उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा
आइए, जानते हैं उनकी जिंदगी से जुडे दस अहम तथ्य :
1. सिस्टर निर्मला का जन्म रांची में 1934 में हुआ था.उनकापूरा नाम निर्मला जोशी था. उनका जन्म हिंदूब्राहण परिवार में हुआ था. मदर टेरेसा से प्रभावित होकर 1958 में हिंदू धर्म से धर्मांतरण कर रोमन कैथेलिक नन बन गयी.
2. उनके पिता ब्रिटेन की आर्मी में सेवारत थे.
3. सिस्टर निर्मला ने राजनीतिशास्त्र और कानून की पढ़ाई की थी.
4. उन्हें भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया था.
5. मदर टेरेसा के विदेश यात्राओं के दौरान सिस्टर निर्मला अक्सर उनके साथ रहती थी.
6. मदर टेरेसा के निधन के बाद जब उन्हें संस्था की जिम्मेदारी संभालने का उत्तरदायित्व मिला तो उन्होंने विनम्रता पूर्वक जवाब दिया कि मदर टेरेसा की कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता. उनके(मदर टेरेसा) पास करिश्माई व्यक्तित्व था जो एक जीवन में कभी पाया नहीं जा सकता.
7. न्यूयार्क में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की शाखा की स्थापना में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. यही नहीं यूरोप और अमेरिका में स्थित शाखाओं का संचालन उन्हीं के मार्गदर्शन में होता था. पनामा जाने के बाद वो मिशनरीज ऑफ चैरिटीकीविदेश सेवाओं को संभालने लगी.
8.अपने जिम्मेदारियों के बारे में एक बार एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी जिम्मेदारी है. यदि हम इसे अपनी नजरों से देखते हैंतो मैं डरी हुई हूं कि मैं संभाल पाऊंगी की नही, लेकिन मुझे अपनी प्रार्थना पर भरोसा है. मै ईश्वर के द्वारा दिये गए काम को करती रहूंगी.
9. वर्ष 1997 में मदर टेरेसा के निधन के बाद वो मिशनरीज ऑफ चैरिटी की प्रमुख बनीं.
10. 23 जून 2015 को उनका 81 वर्ष में निधन हो गया. लगभग दो दशकों तक वो इस विश्व प्रसिद्ध समाजसेवी संस्था की प्रमुख बनी रहीं.