संसद के कैंटीन में परोसे जाते हैं 76 लजीज व्यंजन…

नयी दिल्ली : आरटीआइ के तहत मिले एक जवाब के अनुसार संसद परिसर में स्थित कैंटीनों को पिछले पांच साल के दौरान 60.7 करोड रुपए की कुल सब्सिडी दी गयी और पूड़ी-सब्जी जैसी चीजें 88 प्रतिशत सब्सिडी पर बेची जा रही हैं. सूचना का अधिकार कानून के तहत मिली सूची से खुलासा होता है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2015 8:48 PM

नयी दिल्ली : आरटीआइ के तहत मिले एक जवाब के अनुसार संसद परिसर में स्थित कैंटीनों को पिछले पांच साल के दौरान 60.7 करोड रुपए की कुल सब्सिडी दी गयी और पूड़ी-सब्जी जैसी चीजें 88 प्रतिशत सब्सिडी पर बेची जा रही हैं.

सूचना का अधिकार कानून के तहत मिली सूची से खुलासा होता है कि भत्तों के साथ 1.4 लाख रुपए से ज्यादा की आमदनी वाले सांसदों के लिए स्वादिष्ट फ्राइड फिश और चिप्स 25 रुपए में, मटन कटलेट 18 रुपए में, सब्जियां पांच रुपए में, मटन करी 20 रुपए में और मसाला डोसा छह रुपए में उपलब्ध हैं. इनकी कीमतों में क्रमश: 63 प्रतिशत, 65 प्रतिशत, 83 प्रतिशत, 67 प्रतिशत और 75 प्रतिशत की सब्सिडी है.
सब्जियों जैसे कई खाद्य पदार्थों के लिए कच्चा सामान जहां 41.25 रुपए में मिलता है लेकिन सांसदों के लिए यह चार रुपए में उपलब्ध है और इस पर करीब 90 प्रतिशत सब्सिडी है. आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल को मिले जवाब के अनुसार मांसाहारी व्यंजनों के लिए कच्चा सामान 99.05 रुपए में खरीदा जाता है जबकि सांसदों को वह 66 प्रतिशत सब्सिडी के साथ 33 रुपए में परोसा जाता है. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि खाने की मौजूदा दरें 20 दिसंबर 2010 के बाद से संशोधित नहीं की गयी हैं. संसद की कैंटीनों में पापड एक रुपए में मिलता है जबकि इस पर 1.98 रुपए का खर्च आता है.
आरटीआइ जवाब के अनुसार संसद की कैंटीनों में 76 लजीज व्यंजन परोसे जाते हैं जिनमें उबले अंडों से लेकर मटन और चिकन तक के व्यंजन भी शामिल हैं. इन पर 63 प्रतिशत से लेकर 150 प्रतिशत से ज्यादा तक की सब्सिडी दी जाती है. इसमें कहा गया है कि रोटी एकमात्र ऐसी चीज है जो मुनाफे में बेची जाती है. रोटी के लिए कच्चा सामान 77 पैसे में आता है जबकि इसे एक रुपए में बेचा जाता है. खोमानी का मीठा को बाजार भाव यानी 15 रुपए में तीन की दर से बेचा जाता है.
उत्तर रेलवे द्वारा संचालित इन कैंटीनों के लिए कच्चा सामान सरकार द्वारा चलायी जा रही एजेंसियों से खरीदा जाता है. इनमें केंद्रीय भंडार, मदर डेरी और डीएमएस आदि शामिल हैं. आरटीआइ जवाब में कहा गया है कि 2009-10 में 10.4 करोड रुपए और 2010-11 में 11.7 करोड रुपए की सब्सिडी दी गयी. इसके अलावा 2011-12 में 11.9 करोड रुपए, 2012-13 में 12.5 करोड रुपए और 2013-14 में 14 करोड रुपए की सब्सिडी दी गयी.

इस प्रकार कुल 60.7 करोड रुपए की सब्सिडी दी गयी. संसद भवन परिसर में चार कैंटीनें हैं. इनमें से एक संसद भवन इमारत में हैं जबकि एक संसद भवन एनेक्सी में, एक संसद भवन के स्वागत कक्ष में और एक संसद भवन लाइब्रेरी में है. सभी कैंटीन उत्तर रेलवे द्वारा संचालित हैं और हर कैंटीन में खाने की चीजों की कीमतें एक हैं. कैंटीन के लिए राशि लोकसभा के बजटीय अनुदान से मिलती है. संसद भवन परिसर में खाद्य प्रबंधन की संयुक्त समिति रोजमर्रा की गतिविधियों पर नजर रखती हो.

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