नयी दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में पारित किये गये भूमि अधिग्रहण विधेयक को आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मंजूरी मिलने के साथ ही यह कानून बन गया है. नया कानून 119 साल पुराने कानून की जगह लाया गया है. कानून मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार जमीन अधिग्रहण में समुचित मुआवजा एवं पारदर्शिता का अधिकार, पुनर्वास एवं पुनस्र्थापना विधेयक 2012 को राष्ट्रपति की अनुमति मिल गयी है.
इस ऐतिहासिक कानून से किसानों को समुचित एवं जायज मुआवजा मिलेगा जबकि यह सुनिश्चित किया जायेगा कि किसी भी भूमि का बलपूर्वक अधिग्रहण नहीं हो। इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों ने भारी बहुमत से पारित किया था.
इस संबंध में 1894 के पुराने कानून में कई विंगतियां थी। पुराना कानून जमीन के अधिग्रहण से विस्थापित होने वाले लोगों के पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन जैसे विभिन्न मुद्दों पर पूरी तरह खामोश था. इस बीच, ग्रामीण विकास मंत्रालय नये कानून के लिए नियम तय करने की प्रक्रिया में है.