”आप” सरकार सख्‍त, काम पर लौटे रेजीडेंट डॉक्टर

नयी दिल्ली : दिल्ली में रेजीडेंट डॉक्टरों की हडताल समाप्त हो गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार द्वारा आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम :एस्मा: लागू किए जाने के कुछ घंटों बाद डॉक्टरों ने हडताल वापस ले ली. राष्ट्रीय राजधानी में डॉक्टरों ने दो दिन से चल रही अपनी हडताल मंगलवार रात समाप्त होने से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2015 6:45 AM

नयी दिल्ली : दिल्ली में रेजीडेंट डॉक्टरों की हडताल समाप्त हो गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार द्वारा आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम :एस्मा: लागू किए जाने के कुछ घंटों बाद डॉक्टरों ने हडताल वापस ले ली. राष्ट्रीय राजधानी में डॉक्टरों ने दो दिन से चल रही अपनी हडताल मंगलवार रात समाप्त होने से मरीजों ने राहत की सांस ली. हडतालरत डॉक्टरों के खिलाफ दिल्ली सरकार ने अपने द्वारा संचालित अस्पतालों में सामान्य कामकाज के लिए एस्मा लागू किया था. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि रेजीडेंट डॉक्टरों ने अपनी हडताल समाप्त कर दी है और सरकार को इस बारे में सूचित कर दिया है.

जैन ने ट्वीट किया ‘‘रेजीडेंट डॉक्टरों ने हडताल समाप्त कर दी. इससे पहले सरकार ने मंगलवार को सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों की हडताल को खत्म करवाने के उद्देश्य से इसपर आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम :एस्मा: लागू कर दिया था. डाक्टरों की हडताल का कल दूसरा दिन था, जिससे राष्ट्रीय राजधानी की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गईं. सरकारी अस्पतालों के डाक्टर कार्य स्थल पर सुरक्षा की कमी, जीवन रक्षक दवाओं का अभाव तथा समय पर वेतन भुगतान न होने की शिकायत के साथ सोमवार को अनिश्चितकालीन हडताल पर चले गए थे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि सरकार ने डॉक्टरों की सभी मांगें मान ली हैं इसलिए हडताल की कोई जरुरत नहीं है.

इससे पहले, जैन ने कहा था कि दोनो पक्षों के बीच हुई बातचीत के दौरान सरकार ने हडताली डाक्टरों द्वारा रखी गई 19 मांगों को मंजूर कर लिया. जैन ने कहा, ‘‘बैठक के दौरान उन्होंने पांच और मांगे रखीं, जिन्हें भी मान लिया गया और :हमने: बैठक का ब्यौरा भी वितरित किया है.’’ डाक्टरों की मांग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक बडी चिंता सुरक्षा को लेकर है और वह सरकारी अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा दिए जाने की मांग के साथ दिल्ली के उपराज्यपाल से मिले हैं. जैन ने कहा, ‘‘सुरक्षा एक बडी चिंता है..इसलिए मैं सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा इंतजामात की मांग के साथ उपराज्यपाल से मिला. उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस को अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है.’’ उन्होंने कहा कि वह इस संदर्भ में तीन महीने बाद डाक्टरों के साथ स्थिति की समीक्षा करेंगे.

जैन ने कहा, ‘‘कुछ मांगें जैसे अस्पताल के बिस्तर बढाना..तीन महीने में पूरी नहीं हो सकती. हम अस्पतालों में बिस्तर बढाने और नये अस्पताल बनाने पर काम कर रहे हैं, जिसमें कुछ वक्त लगेगा.’’ जैन ने बताया कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से आपातकालीन सेवाओं को मजबूत करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर दवाएं उपलब्ध हैं और 15 अगस्त तक शत प्रतिशत दवाएं उपलब्ध होंगी.’’ स्वास्थ्य विभाग ने हडतालरत रेजिडेंट डाक्टरों की 19 मांगें सोमवार को ही मान ली थीं और उन्हें मंगलवार सुबह 11 बजे तक काम पर लौट आने का आदेश दिया था. हालांकि डाक्टरों ने अपनी हडताल जारी रखी और ठोस उपायों की मांग करते रहे. उनका दावा है कि सरकार पहले भी इस तरह के वादे कर चुकी है, लेकिन वह पूरे नहीं हुए.

सरकारी अस्पतालों के डाक्टर कार्य स्थल पर सुरक्षा की कमी, जीवन रक्षक दवाओं का अभाव तथा समय पर वेतन भुगतान न होने की शिकायत के साथ सोमवार को अनिश्चित कालीन हडताल पर चले गए थे. डाक्टरों के हडताल पर होने से राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं. सरकारी अस्पतालों में जाने वाले मरीजों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पडा और हडताल से बाह्य रोगी विभाग और वार्ड सेवाएं प्रभावित हुईं. हालांकि सफदरजंग अस्पताल के एक डाक्टर ने दावा किया कि आपातकालीन सेवाओं पर कोई असर नहीं पडा है और वरिष्ठ डाक्टर इनका संचालन कर रहे हैं.

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