सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे के इस्ताफे पर अड़ी कांग्रेस, राजस्थान में विरोध प्रदर्शन आज

जयपुर : ललित मोदी प्रकरण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम आने के बाद कांग्रेस ने अपने तेवर तल्ख कर लिए हैं. कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति करने का कोई मौका नहीं गंवाना चाहती. इसी क्रम में वांछित ललित मोदी की मदद करने एवं अनुचित आर्थिक लाभ उठाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2015 9:50 AM

जयपुर : ललित मोदी प्रकरण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम आने के बाद कांग्रेस ने अपने तेवर तल्ख कर लिए हैं. कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति करने का कोई मौका नहीं गंवाना चाहती. इसी क्रम में वांछित ललित मोदी की मदद करने एवं अनुचित आर्थिक लाभ उठाने में संलिप्त उक्त दोनों नेताओं के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस समिति आज यानी बुधवार को उद्योग मैदान से सिविल लाइंस रेलवे फाटक तक विशाल विरोध प्रदर्शन करेगी. इस संबंध में मंगलवार को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष सचिन पायलट ने जानकारी दी है. कांग्रेस लगातार दोनों के इस्तीफे की मांग कर रही है हालांकि भाजपा इस मामले में उन्हें क्लीन चिट दे चुकी है.

नितिन गडकरी द्वारा क्लीन चिट दिया जाना हास्यास्पद

सचिन पायलट ने मीडिया से बता करते हुए कहा जितने भी आरोप विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर लगे हैं उनका खुलासा स्वयं वांछित भगोडे ललित मोदी ने किया है. पूरे प्रकरण के खुलासे के बावजूद केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली और केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा दोनों को क्लीन चिट दिया जाना हास्यास्पद है. उन्होंने कहा कि क्लीन चिट देने वाले दोनों केंद्रीय मंत्री ना तो न्यायाधीश हैं और न हीं जांच एजेंसियों के प्रमुख। ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज उपलब्ध करवाने का आरोप झेल रही सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे सहित पूरी पार्टी ने कहीं भी आरोपों के संबंध में उपलब्ध तथ्यात्मक दस्तावेजों को नकारा नहीं है.

नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर लगा मुखौटा उतर गया

पायलट ने कहा कि पांच साल से कानून का उल्लंघन कर भ्रष्टाचार के प्रकरणों में संलिप्त ललित मोदी की किसी भी तरह की सहायता भारत के कानून की अवेहलना है. ऐसे में भगोडे की मदद करने वाले नेताओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उक्त प्रकरण ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर लगा मुखौटा उतार दिया है. इसने प्रधानमंत्री के उस दावे की पोल खोल दी है जिसमें उन्होंने स्वयं को देश के खजाने का चौकीदार बताया था और भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की बात कहकर जनता को भ्रमित किया था. भाजपा की दोनों नेताओं पर लगे आरोप गंभीर हैं और इनपर प्रधानमंत्री की चुप्पी से दिनोंदिन उनकी छवि धूमिल हो रही है. पायलट ने कहा कि मुंबई पुलिस आयुक्त की ललित मोदी के साथ तस्वीरें सार्वजनिक होना घोर आपत्तिजनक होने के साथ यदि स्पष्टीकरण का कारण है, तो उसी भगोडे को पासपोर्ट दिलवाने में मदद करना कानूनी तौर पर न्याय संगत कैसे है? यह समझ से परे है. इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की चुप्पी गंभीर है.

विपक्ष को जिम्मेदार ठहराना भाजपा के अनैतिक चरित्र का परिचायक

सचिन पायलट ने कहा कि बिहार से भाजपा के एक सांसद ने भी पार्टी से इस सम्पूर्ण प्रकरण की जांच की मांग की है. यह दर्शाता है कि भाजपा के अन्दर भी इस प्रकरण की वास्तविकता को जानने की उत्सुकता है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों द्वारा क्लीन चिट दिया जाना और इस सम्पूर्ण प्रकरण के लिए मीडिया एवं विपक्ष को जिम्मेदार ठहराना भाजपा के अनैतिक चरित्र का परिचायक है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर लगे आरोपों पर प्रदेश सरकार का कोई स्पष्टीकरण नहीं आना तथा उन्हें अस्थाई राहत देन के लिए भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों द्वारा दी जा रही क्लीन चिट बताती है कि भाजपा अपराध बोध से ग्रसित है. उन्होंने कहा कि देश में भाजपा की सरकार के गठन को एक वर्ष हुआ है इस दौरान भ्रष्टाचार के एक बहुत बडे खुलासे ने सत्ताधारी पार्टी की नीतियों पर प्रश्रचिन्ह लगा दिया है. यह बताता है कि भाजपा दोहरे चरित्र वाली पार्टी है जो कथनी में तो भ्रष्टाचार उन्मूलन की बात करती है लेकिन करनी के स्तर पर उसे संरक्षण देने को तत्पर है. पूर्व केंद्रीय मंत्री पायलट ने कहा कि प्रदेश भाजपा ने बौखलाकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत पर अनर्गल आरोप लगाये हैं जिनके लिए स्वयं अशोक गहलोत ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि सरकार जाचं करवा सकती है. पायलट ने कहा कि भाजपा की यह नीति राजनीतिक द्वेष प्रेरित है, ताकि प्रदेश की मुख्यमंत्री पर लगे गंभीर आरोपों पर से जनता का ध्यान भटकाया जा सके.

Next Article

Exit mobile version