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समय का अजीब संयोग : भाजपा की तीन सबसे प्रभावी महिला नेता सुषमा, वसुंधरा, स्मृति एक ही समय घिरी हैं विवादों में

नयी दिल्ली : कहावत है कि सत्ता कालिख की कोठरी है, जिसके अंदर जो कोई भी जाये उसमें कुछ न कुछ दाग चाहे-अनचाहे लग ही जाते हैं. अब यही हाल नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार की हो रहा है. भाजपा अपनी तीन सबसे प्रभावी महिला नेताओं के मामले में ही […]

नयी दिल्ली : कहावत है कि सत्ता कालिख की कोठरी है, जिसके अंदर जो कोई भी जाये उसमें कुछ न कुछ दाग चाहे-अनचाहे लग ही जाते हैं. अब यही हाल नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार की हो रहा है. भाजपा अपनी तीन सबसे प्रभावी महिला नेताओं के मामले में ही उलझ गयी है. आइपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी की मदद के आरोपों से घिरीं सुषमा स्वराज व वसुंधरा राजे के बाद अब मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री से जुडा विवाद उठ खडा हुआ है. आज दिल्ली की अदालत ने इस संबंध में दायर याचिका को सुनवाई को लायक मान स्वीकार कर लिया और 28 अगस्त को इस पर सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है.
कांग्रेस ने कोर्ट के इस रुख के बाद कहा है कि स्मृति ईरानी को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि इस मामले पर उनके पद का प्रभाव न पडे. कांग्रेस उधर, पहले से ही सुषमा स्वराज व वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग पर अडी है. कल ही राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने फिर से वसंुधरा राजे का इस्तीफा व उनकी बर्खास्ती की मांग की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी याद दिलाया कि आपके न खाउंगा और न खाने दूंगा के वादे का क्या हुआ?
सुषमा पार्टी की शिखर नेता,वसुंधरामजबूत क्षत्रप, तो स्मृति उभरती नेता
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भाजपा की शिखर नेताओं की श्रेणी आती हैं. नरेंद्र मोदी के बाद जिन तीन-चार नेताओं का सरकार व पार्टी पर सर्वाधिक प्रभाव है, उसमें सुषमा स्वराज शामिल हैं. वहीं, वसुंधरा राजे एक मजबूत क्षत्रप हैं. जब नरेंद्र मोदी भी गुजरात के मुख्यमंत्री होते थे, तब पार्टी के चार प्रमुख छत्रपों में मोदी के अलावा, शिवराज सिंह चौहान, डॉ रमन सिंह व वसुंधरा राजे का ही नाम लिया जाता था.
स्मृति ईरानी पार्टी की उभरती नेता हैं और पार्टी की अगली पीढी के कई नेताओं के लिए जलन का विषय भी हैं. 40 साल से भी कम उम्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय जैसे बडे मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बनाया है. माना जा रहा है कि भावी पीढी की राजनीति में स्मृति की भूमिका अहम होने वाली है.
कांग्रेस व आम आदमी पार्टी की घेराबंदी
कांग्रेस व आम आदमी पार्टी इन्हीं तीन नेताओं को लेकर भाजपा पर हमलावर है. कल जब आम आदमी पार्टी के प्रमुख व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विधानसभा में संबोधित कर रहे थे, तो उन्होेंने भाजपा से बडी आत्मीय अपील की. केजरीवाल ने अपने मंत्री रहे जितेंद्र सिंह तोमर का उल्लेख करते हुए कहा है कि मैं तो उस मामले में धोखे में रहा, लेकिन प्रधानमंत्री जी आप नहीं रहें. इसलिए आप सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे को हटायें. वहीं, स्मृति ईरानी के मुद्दे को आम आदमी पार्टी लंबे समय से उठाती रही है.

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