मुंबई : भाजपा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक ओर सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे ललित मोदी विवाद में घिरी हुई हैं. आज ही युवा महिला मंत्री स्मृति र्इरानी फिर से डिग्री विवाद में घिर गई है. इन सब के बीच भाजपा-शिवसेना गंठबंधन की महाराष्ट्र सरकार की एक और युवा महिला मंत्री पंकजा मुण्डे का नाम 206 करोड़ रुपये के घोटाले में आया है. महाराष्ट्र की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे पर एक बड़ा आरोप लग रहा है.
अंग्रेजी अखबार ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार आदिवासी बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं की खरीद में 206 करोड़ का घोटाला हुआ है. आरोप है कि बीजेपी के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे ने नियमों को ताक पर रखकर खरीद की इजाजत दी थी. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक 15 जून को महाराष्ट्र की विमिन ऐंड चिल्ड्रन डिवेलपमेंट मिनिस्टर पंकजा मुंडे को अहमदनगर जिला परिषद के प्रेजिडेंट मंजुश्री गुंड ने लेटर भेजा था. इस लेटर में मंजुश्री ने आदिवासी छात्रों को इंटिग्रेटेड चाइल्ड डिवेलपमेंट सर्विसेज (ICDS) के तहत दी जा रही चिक्की की क्वॉलिटी पर सवाल उठाए थे.
नियमों के मुताबिक 3 लाख से ज्यादा की खरीद सिर्फ ई-टेंडरिंग के जरिए की जा सकती है. फडणवीस ने रेट कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम के जरिए खरीदने पर बैन लगा दिया था, जिसमें मोलभाव करके चीज़ें खरीदी जाती थीं. लेकिन पंकजा ने बिना ई टेंडर के ही कुछ लोगों को समान आपूर्ति का ठेका दे दिया. वाटर प्योरिफायर के मामले में उन कंपनियों से आपूर्ति ली गयी जो वाटर प्योरिफायर नहीं बनाते हैं.
इसके अलावे अखबार ने कई और सामानों की खरीद में धांधली के खुलासे का दावा किया है. इस रिपोर्ट के बाद कांग्रेस काफी मजबूती के साथ भाजपा और शिवसेना सरकार पर हमला करने की तैयारी में है. पंकजा अपने को सीएम पद का दावेदार बताकर पहले भी विवादों में रही हैं. पंकजा की उनकी राजनीतिक शुरुआत के लिए उनके पिता गोपीनाथ मुंडे के नाम का खासा फायदा मिला है. ऐसे में इतने कम दिनों में ऐसे विवादों से उनकी राजनीतिक कैरियर खतरे में पड़ सकती है.