नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहरी भारत की तसवीर बदलने के उद्देश्यवाली तीन महत्वाकांक्षी परियोजनाएं गुरुवार को पेश करेंगे. इसमें बहुचर्चित स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव शामिल है और इन परियोजनाओं पर चार लाख करोड़ खर्च किये जायेंगे. शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इन योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में राज्यों और स्थानीय निकायों का महत्वपूर्ण योगदान होगा. इसमें निजी क्षेत्र की भी काफी साङोदारी देखने को मिलेगी.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी तीन परियोजनाओं को लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेंगे, जिनमें 100 स्मार्ट सिटी का विकास, 500 नगरों के लिए अटल शहरी पुनर्जीवन एवं परिवर्तन मिशन (एएमआरयूटी) और वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्रों में सभी के लिए आवास योजना शामिल हैं. प्रधानमंत्री आवास मिशन का ‘लोगो’ भी जारी करेंगे, जिसका डिजाइन तैयार करने में उन्होंने निजी तौर पर रुचि दिखायी है. इन परियोजनाओं के परिचालन दिशा-निर्देश, नियमों, लागू करने का ढांचा केंद्र द्वारा राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, स्थानीय शहरी निकायों के साथ पिछले एक वर्ष के दौरान की गयी चर्चा के आधार पर तैयार किया गया है.
प्रधानमंत्री स्मार्ट सिटी एवं अन्य योजनाओं के लिए मापदंडों और दिशा-निर्देशों को जारी करेंगे और इसके बाद 1,000 महापौरों, नगर निकाय प्रमुखों, राज्यों के संबंधित मंत्री और मुख्य सचिव दो दिनों की कार्यशाला में हिस्सा लेंगे. नायडू ने कहा कि इस कार्यशाला में उन देशों के उच्चायोगों के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे, जिन्होंने इन परियोजनाओं में हिस्सा लेने की इच्छा व्यक्त की है.
एक साथ तीन परियोजना क्यों?
तीन मिशनों को एक साथ पेश करना शहरी रूपरेखा में बदलाव करने की सरकार की समन्वित पहल को दर्शाता है. वर्ष 2050 तक शहरी आबादी के 40 करोड़ बढ़कर 81.4 करोड़ होने की उम्मीद है. ऐसे में भारत को व्यापक शहरीकरण की समस्या का सामना करना पड़ेगा. कुछ बड़े शहरों में यह अभी विस्फोटक रूप ले चुका है. इससे निबटना जरूरी है.
‘‘टीम इंडिया का सफर कल से शुरू होगा. तीन परियोजनाएं शहरी भारत की नयी तसवीर पेश करेंगी. उभरते भारत के निर्माण में बढ़ते शहरीकरण का प्रभावी प्रबंधन एक अहम चुनौती है और हमारी सरकार इसे अवसर के रूप में देख रही है.
एम वेंकैया नायडू, शहरी विकास मंत्री