मुंबई : पूर्व लोकसभाध्यक्ष मनोहर जोशी का मानना है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को ‘उदार तानाशाह’ के गुण उनके दिवंगत पिता बाल ठाकरे से विरासत में मिले हैं. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी में अपने को नजरअंदाज किए जाने की धारणा का खंडन किया.
शिवसेना के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री जोशी ने कहा, ‘ बिल्कुल, यह उदार तानाशाह की शैली है. यही बालासाहब का अंदाज था और उद्धव ने भी समान शैली को अपनाया है.’ पिछले कुछ सालों से उन्हें पार्टी में नजरअंदाज किए जाने की धारणा के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘ ऐसी कोई धारणा नहीं है. मैं सक्रिय हूं और अपना काम करता हूं.’
वर्ष 1966 में दिवंगत बालासाहब द्वारा स्थापित पार्टी के कामकाज के तरीकों में तब से लेकर अब तक आए बदलाव को वे कैसे देखते हैं, इसके जवाब में जोशी ने कहा, ‘ मुख्य नेता अब बदल गये हैं. तब बालासाहब प्रमुख नेता थे और अब उद्धव मुख्य नेता हैं.’
उद्धव की नेतृत्व शैली पर उन्होंने कहा, ‘ वह :उद्धव: हमेशा किसी भी प्रश्न का जवाब देने को तैयार रहते हैं. मैंने उन्हें प्रेस कांफ्रेंस में सुना है और उन्हें विशिष्ट लोगों से बात करते भी देखा है, मैंने उन्हें एक खुले विचारों वाला व्यक्ति पाया है.’
यह पूछे जाने पर कि जमीनी स्तर के शिव सैनिकों के साथ जिस तरह का ‘जुडाव’ बालासाहब का था क्या अब वह खो गया है, इस पर जोशी ने कहा, ‘कोई भी व्यक्ति तब तक नेता नहीं बन सकता जब तक उसका आम कार्यकर्ता से जुडाव न हो. उद्धव भी विभिन्न नेताओं, पदाधिकारियों के साथ घुलते मिलते हैं और अपना काम करते हैं.’
क्या शिवसेना दिवंगत ठाकरे द्वारा चुने गए पथ से भटक गई है, इसके जवाब में मनोहर जोशी ने कहा, ‘ अब रास्ता थोडा बडा हो गया है. नेतागण नए पहलुओं पर ध्यान दे रहे हैं और यही शिवसेना का भी मामला है. ‘ उन्होंने कहा कि शिवसेना सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास कर रही है. पिछले विधानसभा चुनावों में उद्धव ने बहुत अच्छा काम किया. वह कई जगहों पर गए और विधानसभा चुनावों में शिवसेना को अब तक की सबसे अधिक सीटें दिलाईं.
क्या उन्हें लगता है कि पिछले चुनावों के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री होना चाहिए था, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता तो उन्हें बहुत खुशी होती. उन्होंने कहा कि शिवसेना आगे भी और मजबूत होती रहेगी.