-इंटरनेट डेस्क-
सुषमा स्वराज, फिर वसुंधरा उसके बाद स्मृति ईरानी और चौथे नंबर पर पंकजा मुंडे. भाजपा की इन चारो चर्चित महिलाओं पर आरोप लगने के बाद से भाजपा मुश्किल में पड गयी है. एक और जहां पुराने विवाद का कोई समाधान निकला नहीं कि दूसरा खुलासा सामने आने से उनकी मुश्किलें बढती जा रही है. कांग्रेस-आप सहित अन्य विपक्षी पार्टियां उक्त नेताओं के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. पंकजा मुंडे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद से आज कांग्रेस ने एसीबी में इसकी शिकायत करते हुए मुंडे के इस्तीफे की मांग की. आजदिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के नेतृत्व में जंतर-मंतर पर जुटे बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईरानी के इस्तीफे की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की. इसके पहले कल जब जयराम रमेश ने ललित मोदी मामले में वसुंधरा के हस्ताक्षर के दस्तावेज को सार्वजनिक किया तो मामला और भी गंभीर हो गया. इसके बाद से खुद भाजपा इस उधेडबुन में फंस गयी है कि आखिर वसुंधरा के साथ क्या किया जाय. फिलहाल पार्टी ने वसुंधरा से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है.
दस्तावेज में वसुंधरा के हस्ताक्षर की पुष्टी होने पर इस्तीफे की मांग तेज
इधर जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि दस्तावेज में जो हस्ताक्षर हैं वह वसुंधरा राजे के ही है. लंदन में ललित मोदी की इमिग्रेशन अपील के समर्थन में एक गोपनीय एफिडेविट देने के लिए बीजेपी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे ने अपने दौरे को बढ़ाया था. सूत्रों के मुताबिक कुछ नए दस्तावेज इस ओर इशारा कर रहे हैं. लंदन में जमा हलफनामे के हवाले से कहा जा रहा है कि उन्होंने ललित मोदी पर भारत में वृहद जांच को राजनीति से प्रेरित बताया था. यह कागजात कांग्रेस पार्टी ने जारी करते हुए वर्तमान में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग की है. कांग्रेस का आरोप है कि वसुंधरा ने ऐसे व्यक्ति की मदद की है जो भारत में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच में वांछित है.
इस्तीफे को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन
अब कांग्रेस स्मृति, वसुंधरा और पंकजा के इस्तीफे पर अडी हुई है. आज उनके इस्तीफे को लेकर अजय माकन ने पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में अजय माकन के अलावा प्रदेश कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी, पूर्व सांसद महाबल मिश्रा, रमेश कुमार, पूर्व विधायक सुरेन्द्र कुमार, हरिशंकर गुप्ता, नरेंद्र नाथ, प्रदेश महासचिव नरेश कुमार, उत्तरी दिल्ली नगर निगम विपक्ष के नेता वरयाम कौर समेत अन्य नेता शामिल थे. इधर भाजपा के कुछ बडे नेता और मंत्री अपना स्टैंड क्लीयर कर चुके हैं कि वह किसी भी मंत्री से इस्तीफा नहीं लेगी. कल ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह यूपीए नहीं है बल्कि एनडीए है और यह किसी से इस्तीफा नहीं लेगी.
माकन ने मोदी पर बोला हमला
अजय माकन ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार नैतिकता पारदर्शिता के बड़े -बड़े दावे करती है, लेकिन जब अपनी पार्टी के नेता घोटालों में फंसते जा रहे हैं, तो उसकी नैतिकता कहां गई. उन्होंने कहा कि ईरानी के खिलाफ अदालत में सुनवाई के लिए याचिका स्वीकार किये जाने के बाद पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है. जब तक शिक्षा मंत्री इस्तीफा नहीं देती कांग्रेस अपना आन्दोलन जारी रखेगी. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ईरानी के मंत्री बने रहने तक उनके खिलाफ जांच का कोई मतलब नहीं रह जाता है, क्योंकि वह पद पर रहकर जांच को प्रभावित कर सकती हैं. इसलिए उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
पंकजा के खिलाफ एसीबी में शिकायत दर्ज
कांग्रेस ने महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे पर 206 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) में शिकायत दर्ज कराई. कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने इस कथित घोटाले के खिलाफ भ्र्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के प्रमुख प्रवीण दीक्षित के पास लिखित शिकायत की है और कथित घोटाले की जांच की मांग की है. सावंत ने इस मामले में पंकजा से इस्तीफे की भी मांग की है.
महाराष्ट्र के दिग्गज नेता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा महाराष्ट्र सरकार में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री हैं और उनके विभाग में सरकारी स्कूलों में शिक्षा और खान-पान से संबंधित सामानों की खरीदी में 206 करोड़ रूपए के कथित घोटाले हुए हैं. कांग्रेस का आरोप है कि इन सामानों की खरीदी में महाराष्ट्र सरकार के नियमों का पालन नहीं किया गया है. मजेदार बात यह है कि ई-टेंडरिंग के बिना ही एक ही दिन में 206 करोड़ रूपए के सामान की खरीदी कर ली गई. जबकि नियमानुसार 3 लाख रूपए से ज्यादा के सामान की खरीददारी के लिए ई-टेंडर निकाला जाता है.
वसुंधरा को लेकर भाजपा में भी मतभेद
ललित मोदी की मदद करने के मामले में फंसी राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर भाजपा में भी मतभेद दिख रहा है. एक धड़ा वसुंधरा के इस्तीफे पर अड़ा है, जबकि दूसरा बचाव पर आमदा. वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, जबकि राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी जैसे प्रभावशाली नेता वसुंधरा राजे के बचाव में खड़े हो गए हैं. हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि राजे पर कोई न कोई कार्रवाई तय है. भाजपा ने कल स्पष्ट किया कि पहले वह वसुंधरा के खिलाफ जारी दस्तावेजों की जांच करेगी.