इमरजेंसी के 40 साल : पीएम नरेंद्र मोदी बोले देश बन गया था जेलखाना, आडवाणी की चिंता और देवगौडा की टिप्पणी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुशल रणनीतिकार की तरह इमरजेंसी का भारत के इतिहास के सबसे काले दिन में एक तो बताया ही, साथ ही इसके ठीक एक दिन पहले कैबिनेट की बैठक में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की स्मृति में बिहार स्थित उनके गांव सिताबदियारा में एक स्मारक बनाने की घोषणा की. ध्यान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2015 4:01 PM
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुशल रणनीतिकार की तरह इमरजेंसी का भारत के इतिहास के सबसे काले दिन में एक तो बताया ही, साथ ही इसके ठीक एक दिन पहले कैबिनेट की बैठक में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की स्मृति में बिहार स्थित उनके गांव सिताबदियारा में एक स्मारक बनाने की घोषणा की. ध्यान रहे कि लोकनायक के ही नेतृत्व में उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन चला था.
प्रधानमंत्री ने आपतकाल पर अपने ट्विटर पर लिखा कि हमें उन लाखों लोगों पर गर्व हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का विरोध किया और जिनके प्रयासों से हमारे लोकतंत्र का ताना-बना बचा हुआ है. उन्होंने आपातकाल को सीखने का एक अवसर की तरह बताया है.
वहीं प्रधानमंत्री, जब आज स्मार्ट सिटी परियोजना के शुमांरभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने कहा कि 40 साल पहले इमरजेंसी के दौरान देश को जेलखाना बना दिया गया था. अखबार में ताले लग गये और रेडियो वही बोलते थे, जो सरकार बोलती थी.
25 जून को तीन योजनाओं की शुरुआत
इंदिरा गांधी द्वारा इमरजेंसी लगाये जाने के ही दिन यानी आज 25 जून को पीएम मोदी ने तीन महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की. ये योजनाएं हैं : 100 नगरों का स्मार्ट, अटल शहरी पुनर्जीवन एवं परिवर्तन मिशन और सभी के लिए आवास उपलब्धता सुनिश्चित करना. वहीं, इमरजेंसी लगाने वाले दिन की पूर्व संध्या पर लोकनायक जेपी की स्मृति में स्मारक बनाने की घोषणा भी सरकार ने की और कैबिनट से इसे मंजूरी मिली. इन फैसलों का प्रतिकात्मक महत्व है.
आडवाणी की चिंता और इमरजेंसी पर देवेगौडा की टिप्पणी
भाजपा के बुजुर्ग नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पिछले दिनों एक अखबार को दिये इंटरव्यू में कहा था कि वे इस संभावना से इनकार नहीं करते कि देश में अब इमरजेंसी नहीं लगेगा. उन्होंने कहा कि संवैधानिक स्तर पर, कोई ऐसे प्रयास नहीं किये गये हैं जिसके आधार पर यह कहा जाये कि अब देश में इमरजेंसी नहीं लगायी जायेगी. उन्होंने राजनीतिक लोगों व शासन करने वालों के प्रति भी इस विषय को लेकर संदेह जताया था.
वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौडा ने कहा है कि ऐसा नहीं लगता है कि अब देश में इमरजेंसी लग सकता है. उन्होंने कहा है कि इमरजेंसी लगाने का फैसला इंदिरा गांधी का सबसे बुरा निर्णय था. देवेगौडा ने कहा कि इमरजेंसी के जरिये हमारी स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता क्रूर शासन ने हर लिया था. उन्होंने कहा है कि मैं इसका गवाह रहा हूं और मानता हूं कि यह सबसे बुरा दौर है.

Next Article

Exit mobile version