देहरादून : उत्तराखंड के कई स्थानों पर रात भर हुयी मूसलाधार बारिश के कारण आज केदारनाथ और बद्रीनाथ की तीर्थ यात्रा बाधित होने से चार धाम की यात्रा प्रभावित हुयी. रुद्रप्रयाग जिला मजिस्ट्रेट राघव लंगर ने फोन पर बताया कि रुद्रप्रयाग जिले में रात भर हुयी बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा दिन भर के लिए रोक दी गयी है और मौसम विभाग ने भारी बारिश होने की चेतावनी दी है और उंचाई वाले जिलों के दूर-दराज वाले स्थानों पर अगले 48 घंटों के दौरान भारी से लेकर हल्की बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
उन्होंने बताया कि पैदल मार्ग सहित मंदिर तक जाने वाली सडकें ठीक हैं और श्रद्धालुओं को खराब मौसम के कारण सोनप्रयाग से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गयी है. उन्होंने बताया कि बारिश लगातार हो रही है. हालांकि, उन्होंने बताया कि इलाके में मौसम के तेजी से बदलने के कारण मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग को अस्थायी रुप से बंद किया गया है. उन्होंने बताया कि अगर मौसम में सुधार होता है तो कल से यात्रा शुरू की जा सकती है.
जोशीमठ में भूस्खलन होने के कारण बद्रीनाथ की यात्रा भी अस्थायी रूप से प्रभावित हुयी है. चमोली के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीना ने बताया कि मंदिर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर एक भूस्खलन हुआ और श्रद्धालुओं को जोशीमठ से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गयी. उन्होंने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन बल और पुलिसकर्मी सडक को साफ करने के काम में व्यस्त हैं और मार्ग के साफ होते ही यात्रा फिर से शुरू हो जाएगी.
दक्षिण कश्मीर में बाढ, झेलम खतरे के निशान से उपर
जम्मू कश्मीर में भारी बारिश के कारण दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में नदी नालों में बाढ की स्थिति पैदा हो गई है और झेलम नदी में भी पानी खतरे के निशान से उपर चला गया है. मौसम विभाग ने क्षेत्र में अगले 48 घंटों में और बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है वहीं कल देर रात अनंतनाग और पुलवामा जिलों में बाढ की चेतावनी जारी की गई. उधर गुजरात में बाढ के कारण 50 से अधिक लोगों की मौत हो गर्इ है.
जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने बताया कि झेलम नदी और उसकी सहायक नदियों में जलस्तर बढने से नई बस्ती, तकिया बेहरामपोरा, शम्सीपोरा और हसनपोरा सहित अनंतनाग जिले के कई इलाकों में बाढ का पानी भर गया है. अधिकारियों के अनुसार वैशव नाम की एक छोटी नदी में भी पानी का बहाव इतना बढ गया कि वह कुलगाम जिले के किमोह, मीर बाजार ,अस्थल और देवसर इालाकों में भर गया.
अधिकारियों ने बताया कि दोपहर में संगम में झेलम नदी का पानी 27.15 फुट पर बह रहा था जो खतरे के निशान से 4.15 फुट उपर था. श्रीनगर में नदी का जलस्तर 20.70 फुट तक पहुंच गया था जो खतरे के निशान से लगभग दो फुट उपर था. दक्षिण कश्मीर में कई पुल और सडकें पानी में बह गये, वहीं भारी बारिश के कारण पुलवामा जिले के त्राल क्षेत्र में भी बाढ आ गई. अधिकारियों ने बताया कि कुछ स्थानों पर जल स्त्रोतों के तटबंधों में हल्की दरार की सूचना है हालांकि बाढ नियंत्रण विभाग ने इससे इंकार किया है.
कुलगाम जिले के चमगुंड इलाके में बाढ के पानी में कुछ यात्रियों के भी फंसे होने की अपुष्ट खबरें मिल रही हैं. बहरहाल, संभागीय आयुक्त, कश्मीर असगर समून की अध्यक्षता में संभागीय प्रशासन ने आज तडके चार बजे स्थिति की समीक्षा की. अनंतनाग और पुलवामा जिलों के बाढ संभावित इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.
जम्मू कश्मीर राजमार्ग बंद, भूस्खलन में बाल-बाल बचे यात्री
भारी बारिश के चलते हुये भूस्खलन में जहां कई यात्री बाल-बाल बच गये हैं वहीं जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ वाहन दब गये हैं. भूस्खलन के कारण आज राजमार्ग बाधित हो गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनिहाल और पीरा सेक्टर के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ, जिसके कारण आज राजमार्ग बंद हो गया. उन्होंने बताया कि राजमार्ग पर गुंगरु, पंथल, खूनी नल्लाह, सेरी करोले और पीरा में भूस्खलन हुआ और राजमार्ग पर कई अन्य जगहों पर पहाड की चोटियों से चट्टानें और पत्थर भी गिरे हैं जिसके कारण राजमार्ग पर यात्रा करना खतरनाक हो गया है.
इस बीच, रामसू और सेरी में हुये भूस्खलन के कारण करीब तीन वाहन आंशिक रूप से दब गये हैं. उन्होंने बताया कि हादसे में यात्री बाल-बाल बच गये हैं. सीमा सडक संगठन (बीआरओ) ने राजमार्गों पर इन स्थानों से भूस्खलन का मलबा हटना शुरू कर दिया है लेकिन बारिश के कारण परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि राजमार्ग को साफ करने का काम जारी है. उन्होंने बताया कि राजमार्ग के बंद होने के कारण राजमार्ग के विभिन्न स्थानों पर 200 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं.