ललितगेट की आंच : वसुंधरा राजे का इस्तीफे से इनकार, धर्म संकट में नरेंद्र मोदी सरकार
जयपुर/नयी दिल्ली : वसुंधरा राजे ने पार्टी हाइकमान को दो टूक शब्दों में कह दिया है कि वे किसी हाल में राजस्थान की मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगर उनके पद छोडने की परिस्थितियां बनायी जायेंगी, तो भाजपा के लिए मुश्किल होगी. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
June 25, 2015 6:05 PM
जयपुर/नयी दिल्ली : वसुंधरा राजे ने पार्टी हाइकमान को दो टूक शब्दों में कह दिया है कि वे किसी हाल में राजस्थान की मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगर उनके पद छोडने की परिस्थितियां बनायी जायेंगी, तो भाजपा के लिए मुश्किल होगी. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने यह भी मान लिया है कि उन्होंने ललित मोदी के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये थे. ध्यान रहे कि बुधवार को पूर्व आइपीएल प्रमुख ललित मोदी के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने वाले कागजात मीडिया के सामने कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पेश किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें पद से हटाने या इस्तीफा देने की मांग की थी.
उधर, अब ललितगेट की आंच कांग्रेस की ओर भी पहुंच गयी है. इस मामले में ललित मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटी प्रियंका गांधी व दामाद रॉबर्ट वाड्रा से मिलने का दावा किया है. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि प्रियंका राबर्ट से एक रेस्त्रां में अनौपचारिक मुलकात ललित मोदी से हुई थी, न कि औपचारिक.
सूत्रों के अनुसार, उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं के समक्ष यह स्वीकार कर लिया है कि वे हस्ताक्षर उनके हैं, जो उन्होंने ललित मोदी से मित्रतावश किया था. वसुंधरा राजे ने हाइकमान से यह भी कहा है कि पार्टी के ज्यादातर विधायक उनके साथ हैं और उन्होंने ही उन्हें नेता चुना है.
हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि तमाम दुश्वारियों के बावजूद भाजपा वसुंधरा राजे से इस्तीफा नहीं मांगेगी और न ही अपने मजबूत व्यकित्व के कारण वसुंधरा इतनी आसानी से इस्तीफा ही देंगी. कहा जा रहा है कि भाजपा के अंदर भी वसुंधरा के इस्तीफे पर दो विचार उभर आये हैं. एक पक्ष कह रहा है कि उनका इस्तीफा हो, वहीं दूसरा पक्ष कह रहा है कि लोकप्रिय नेता को पद से हटाने से पार्टी को जबरदस्त नुकसान राजस्थान में होगा.
अब तक संघ का विरोध झेलती रही वसुंधरा को लेकर अब संघ भी चिंतित है. संघ की चिंता है कि वसुंधरा राजे को कहीं पद से हटाने की नौबत आयी, तो पार्टी का जनाधार राजस्थान में छिज नहीं जाये. ज्ञात हो कि राजस्थान में वसुंधरा राजे की जबरदस्त जन अपील है और वे भाजपा की सबसे प्रभावी नेता हैं, जिनके आसपास भी कोई नहीं है.
सूत्रों का कहना है कि भाजपा वसुंधरा राजे के मामले की अपने स्तर पर जांच करेगी. उधर, ललित मोदी के दस्तावेज पर वसुंधरा राजे के ही हस्ताक्षर होने की खबरें भी आ रही हैं.
मालूम हो कि ब्रिटेन में इम्रीग्रेशन के मामले में विवादस्पद आइपीएल प्रमुख ललित मोदी के लिए वसुंधरा गवाह बनी थीं व उनके दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये थे. यह वाकया 2011 का है और उन्होंने 18 अगस्त 2011 को दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये थे. सूत्रों का कहना है कि भाजपा इस मामले को वसुंधरा राजे का निजी मामला बताने की कोशिश करेगी. हालांकि वे उस समय राजस्थान में विपक्ष की नेता थीं. ललित मोदी 2010 में टैक्स चोरी और मनी लांड्रिंग के आरोपों से घिरे और इंग्लैंड चले गये थे.
भाजपा में संगठन मंत्री नहीं बोलते, प्रवक्ता बोलते हैं : सौदान सिंह
जयपुर : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह ने जयपुर के दो दिन के दौरे के बारे में कुछ भी कहने से बचते हुए कहा कि भाजपा में संगठन मंत्री नहीं बोलते, प्रवक्ता बोलते हैं. सौदान सिंह ने जयपुर से पार्टी प्रदेश मुख्यालय से रवाना होते समय संवाददाताओं की ओर से पूछे गये प्रश्न पूछा कि आप दिल्ली जा रहे है, इस पर उन्हांेने कहा नहीं मैं दिल्ली नहीं जा रहा हूं. मैं मीडिया से बात नहीं करता हूं. हमारे यहां (भाजपा) में प्रवक्ता बोलते है.
जब उनसे पूछा कि आपने दो दिन क्या किया, उन्हांेने उसका जवाब देना मुनासिब नहीं समझा और कार में बैठकर प्रदेश मुख्यालय से रवाना हो गये. सौदान सिंह के साथ भाजपा के प्रदेश सचिव एवं पार्षद अशोक लाहौटी भी साथ थे. गौरतलब है कि सौदान सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण सिंह दो दिन पहले महासम्पर्क अभियान के कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये थे. सिंह कल ही रवाना हो गये और सौदान सिंह आज गये हैं.