आप सरकार ने पेश किया पहला आम बजट, सुधारों और लोकलुभावन के बीच संतुलन साधने का प्रयास

नयी दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने अपने पहले बजट में सुधारवादी और लोकवादी छवि के बीच सावधानी बरतते हुये संतुलन साधा है. बजट में एक तरफ जहां सामाजिक क्षेत्र के लिये आवंटन में अच्छी-खासी वृद्धि की गई है वहीं लाइसेंस राज समाप्त करने का प्रस्ताव कर कारोबारी समुदाय को रिझाने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2015 9:49 PM

नयी दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने अपने पहले बजट में सुधारवादी और लोकवादी छवि के बीच सावधानी बरतते हुये संतुलन साधा है. बजट में एक तरफ जहां सामाजिक क्षेत्र के लिये आवंटन में अच्छी-खासी वृद्धि की गई है वहीं लाइसेंस राज समाप्त करने का प्रस्ताव कर कारोबारी समुदाय को रिझाने का प्रयास किया गया है. इसके साथ ही प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिये भी कदम उठाये गये हैं.

उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज वर्ष 2015-16 के लिये दिल्ली का 41,129 करोड रुपये का बजट पेश करते हुये मूल्य वर्धित कर (वैट) में किसी प्रकार की कोई वृद्धि नहीं की. ऐसा कर उन्होंने मध्य वर्ग और गरीब तबके को पार्टी के साथ जोडे रखने की कोशिश की है. यही तबका आप का मुख्य आधार रहा है. दूसरी तरफ बजट में लक्जरी और मनोरंजन कर बढा दिया है जिसका दबाव उच्च वर्ग पर पडेगा.

बजट के कर प्रस्तावों के अनुसार प्रेसर कुकर जैसे धातु से बने बर्तन, फर्नीचर और मोम से बनी वस्तुयें सस्ती होंगी जबकि जिम, क्लब, स्पा में जाना तथा मल्टीप्लैक्स में फिल्म देखना महंगा होगा. केबल टीवी.डीटीएच सेवाओं पर 40 रुपये का मासिक मनोरंजन कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है.

शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, परिवहन, जल, बिजली क्षेत्र के लिये बजट आवंटन में अच्छी वृद्धि की गई है जबकि राज्य के कालेजों और गांवों में निशुल्क वाई-फाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 50 करोड रपये की राशि अलग रखी गई है. मुफ्त वाई-फाई सुविधा आप का प्रमुख चुनावी वादा रहा है. दिल्ली के सरकारी स्कूलों और दिल्ली परिवहन निगम की बसों में सीसीटीवी कैमरा लगने जैसे कदमों की भी बजट में घोषणा की गई.

सिसोदिया ने जनता के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद तैयार किये गये इस बजट को देश का पहला ‘‘स्वराज’’ बजट बताया गया है. बजट में योजना व्यय के लिये 19,000 करोड रपये और 22,129 करोड रपये गैर-योजना व्यय के लिये रखे गये हैं. शिक्षा क्षेत्र के लिये बजट में 9,836 करोड रपये आवंटित किये गये हैं जिसमें से 4,570 करोड रुपये योजना व्यय के लिये हैं. पिछले बजट के मुकाबले यह 106 प्रतिशत अधिक है.

वाहनों से निकलने वाले धुऐं को कम करने के प्रयास स्वरुप सिसोदिया ने कहा कि सरकार दूसरे राज्यों में दिल्ली में आने वाले भारी मालवाहक डीजल वाहनों को दंडित करेगी. उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले विभिन्न श्रेणी के चार, छह, 10 और 14 पहिये वाले मालवाहक ट्रकों पर क्रमश: 500 रुपये, 750 रुपये, 1,000 रुपये और 1,500 रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा. प्रदूषण फैलाने वाले टेंपों पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा.

उपमुख्यमंत्री ने बजट भाषण में कहा, ‘‘कंपनियों और भागीदारी फर्मों के नाम से पंजीकृत होने वाली सभी श्रेणी के निजी वाहनों के पंजीकरण कर में मैं मौजूदा दर से 25 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव करता हूं.’’ सिसोदिया, जिनके पास राज्य के वित्त मंत्री का भी कार्यभार है, ने अपने पहले बजट को कर-वृद्धि से मुक्त बजट बताया है. बजट में वैट दरों में किसी वृद्धि का प्रस्ताव नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि उत्तरी राज्यों में समान कर दर बनाये रखने के प्रयास किये गये हैं ताकि भ्रष्ट तौर तरीकों पर अंकुश लगाया जा सके. क्षेत्र में कर दरों को लिये उपजे संशय को दूर करने के लिये कुछ वस्तुओं पर वैट दरें कम की गई हैं. सिसोदिया ने ’स्वराज कोष’ की घोषणा करते हुये इसके लिये 253 करोड रपये आवंटित किये.

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