नेपाल के पुननिर्माण के लिए मदद देने में भारत दुनिया में है सबसे आगे

नयी दिल्ली : भूकंप प्रभावित नेपाल को पुननिर्माण कार्यो के लिए मदद देने में भारत दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले सबसे आगे हो गया है. अंतरराष्ट्रीय दानकर्ताओं ने भूकंप से तबाह नेपाल को साढ़े तीन अरब डॉलर से अधिक सहायता देने का वायदा किया है. वहीं, एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय दानकर्ता सम्मेलन में भारत ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2015 12:48 PM

नयी दिल्ली : भूकंप प्रभावित नेपाल को पुननिर्माण कार्यो के लिए मदद देने में भारत दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले सबसे आगे हो गया है. अंतरराष्ट्रीय दानकर्ताओं ने भूकंप से तबाह नेपाल को साढ़े तीन अरब डॉलर से अधिक सहायता देने का वायदा किया है. वहीं, एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय दानकर्ता सम्मेलन में भारत ने भूकंप से तबाह हुए नेपाल को व्यापक पुननिर्माण कार्यक्रम के लिए एक अरब डॉलर की सहायता देने की घोषणा की है. उधर, अमेरिका ने नेपाल को 13 करोड़ डॉलर की सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की है. इस तरह भूकंप प्रभावित नेपाल को मदद देने में भारत दुनिया में सबसे आगे हो गया है.

एआइआर की खबर के मुताबिक विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने सहायता का वायदा करते हुए कहा कि नेपाल सरकार की सहायता व सहयोग के लिए भारत मजबूती से उसके साथ खड़ा रहेगा. नेपाल को एशियाई विकास बैंक से 60 करोड़, अमेरीका से 13 करोड़ और यूरोपीय संघ से 10 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता भी मिली है. इससे पहले विश्व बैंक ने 50 करोड़ डॉलर की सहायता देने की घोषणा की थी. नेपाल के विदेश मंत्री महेन्द्र बहादुर पांडेय ने उदारता से सहायता देने पर सभी देशों का आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि नेपाल में विनाशकारी भूकंप के बाद हमने काठमांडू में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई. हालांकि, बहुत कम समय मिला, फिर भी हमने अपने पड़ोसी देशों, मित्रों और विकास में सहयोग देने वाले देशों से इस सम्मेलन में भाग लेने का अनुरोध किया. सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों ने नेपाल के प्रति उदारता का परिचय दिया. भारत ने एक अरब डॉलर की मदद की घोषणा की है.

उल्लेखनीय है कि नेपाल में इस साल 25 अप्रैल को आए भूकंप में भारी तबाही मची थी, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.9 मापी गई थी. तब से अब तक देश में भूकंप के कई छोटे झटके आ चुके हैं. नेपाल में आए इस विनाशकारी भूकंप में करीब 9,000 लोगों की मौत हो गई थी और 23,000 से ज्यादा लोगों के घायल होने के साथ ही पांच लाख घर तबाह हो गए थे.

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