जैक डार्सी, नोह ग्लास, विज स्टोन और इवन विलियम्स ने जब 2006 में ट्विटर की शुरुआत की होगी, तो उन्हें शायद ही अनुमान होगा कि 140 शब्दों का यह संवाद माध्यम भारतीय राजनीति को इस कदर प्रभावित करेगा. बदली हुई तकनीक ने ‘ललित मोदी’ सरीखे लोगों को वह ‘अस्त्र’ दे दिया, जिसका प्रयोग वह जब चाहें, तब लोगों को चुन-चुन कर निशाना लगाने के लिए कर सकते हैं.
1/3 Happy to meet the Gandhi Family http://t.co/43iiC6mL9w in London. I had run into Robert and Priyanka separately pic.twitter.com/JTnaE6eX1A
— Lalit Kumar Modi (@LalitKModi) June 25, 2015