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रोकी गयी चारधाम की यात्रा, उत्तराखंड से सुरक्षित निकाले गए 900 तीर्थयात्री

देहरादून : मॉनसून की बारिश ने बदरीनाथ के तीर्थ यात्रियों की मुश्‍किलें बढा दी हैं. उत्तराखंड की केदारघाटी, हेमकुंड साहिब और बदरीनाथ क्षेत्र में फंसे करीब 900 तीर्थयात्रियों को शुक्रवार को हेलीकॉप्टरों की मदद से निकाला गया. दरअसल मानसून के पहली बारिश के दौरान रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में आधा दर्जन सडकें तथा पुल क्षतिग्रस्त […]

देहरादून : मॉनसून की बारिश ने बदरीनाथ के तीर्थ यात्रियों की मुश्‍किलें बढा दी हैं. उत्तराखंड की केदारघाटी, हेमकुंड साहिब और बदरीनाथ क्षेत्र में फंसे करीब 900 तीर्थयात्रियों को शुक्रवार को हेलीकॉप्टरों की मदद से निकाला गया. दरअसल मानसून के पहली बारिश के दौरान रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में आधा दर्जन सडकें तथा पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं और हिमालयी तीर्थों के लिए यात्रा शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी बाधित रही. आज भी यहां बारिश की आशंका जतायी जा रही है. लगातार जारी बारिश के कारण चारधाम की यात्रा फिलहाल रोक दी गयी है.

केदारनाथ में कोई श्रद्धालु नहीं, सभी को वापस सोनप्रयाग लाया गया

स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को केदारनाथ और बदरीनाथ की यात्रा करने के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने बताया कि चमोली जिले की केदार घाटी, हेमकुंड साहिब और बदरीनाथ से कुल 900 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. प्रभावित क्षेत्रों से वापस लौटने के बाद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि केदारनाथ में कोई श्रद्धालु नहीं है, सभी को वापस सोनप्रयाग लाया गया है. मौसम ठीक होने पर वे दोबारा अपनी यात्रा शुरू कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इसी प्रकार बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब में फंसे लोगों को नीचे जोशीमठ और घनघरिया लाया गया है. उन्होंने कहा कि बदरीनाथ और सिख तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब जाने के रास्ते में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए हेलीकॉप्टर आज यानी शनिवार को फिर उडान भरेंगे. चमोली जिले के जिलाधिकारी अशोक कुमार ने गोपेश्वर में संवाददाताओं को बताया कि शुक्रवार को लोगों को बाहर निकाले जाने के बावजूद बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब जाने के विभिन्न रास्तों में अभी भी करीब 9,000 श्रद्धालु फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने के लिए हेलिकॉप्टर को रवाना किया गया है.

स्थिति अभी बिल्कुल चिंताजनक नहीं

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि स्थिति अभी बिल्कुल चिंताजनक नहीं है और यात्रा का नियमन किया गया है उसे निलंबित नहीं किया गया है. रावत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह नियमन है, यात्रा का निलंबन नहीं है. क्षतिग्रस्त सडकों और पुलों की मरम्मत की जा रही है और उनमें से ज्यादातर के शनिवार तक ठीक होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि श्रद्धालु केदारनाथ, बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब के रास्तों में सुरक्षित इंतजार कर रहे हैं, ताकि सडके ठीक होने पर वे अपनी यात्रा दोबारा शुरू कर सकें. रावत ने लोगों को बिना किसी डर के चारधाम यात्रा पर आने का न्योता देते हुए कहा कि प्रशासन किसी भी आपदा के लिए पूरी तरह सतर्क और उससे निपटने के लिए तैयार है.

चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित

मनसून के उत्तराखंड पहुंचने के महज एक दिन बाद भारी बारिश से रुद्रप्रयास और चमोली दोनों जिलों में सडकों और पुलों को भारी नुकसान पहुंचा. इससे चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई है और हिमालयी तीर्थों तक जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं की यात्रा में बाधा आई. विभिन्न स्थानों पर हुई बारिश और सडकों पर जगह-जगह भूस्खलन का मलबा जमा होने के कारण उनके अवरुद्ध होने से चारधाम यात्रा और हेमकुंड तथा मानसरोवर यात्रा भी प्रभावित हो रही है. चमोली जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि गुरूवार शाम की भारी बारिश में सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच वाहन परिचालन के लिए बना एक महत्वपूर्ण पुल बह गया. इसके अलावा बदरीनाथ राजमार्ग शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन चार स्थानों पर अवरुद्ध रहा जिसके कारण बदरीनाथ, हनुमानछत्ती, पंडुकेश्वर, गोविन्दघाट और घनघरिया में करीब 9,000 श्रद्धालु फंसे हुए हैं.

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