योगेन्द्र यादव ने जाहिर किया अपना डर, फिलहाल अन्ना हजारे की मदद लेने से इनकार
पणजी : नवगठित समूह स्वराज अभियान ने आज कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे से फिलहाल अपने साथ जुडने के लिए इसलिए नहीं कहेगा क्योंकि इससे समूह पर उनके जैसी बडी हस्ती की मदद लेने का आरोप लग सकता है लेकिन समूह भविष्य में उनसे संपर्क कर सकता है. […]
पणजी : नवगठित समूह स्वराज अभियान ने आज कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे से फिलहाल अपने साथ जुडने के लिए इसलिए नहीं कहेगा क्योंकि इससे समूह पर उनके जैसी बडी हस्ती की मदद लेने का आरोप लग सकता है लेकिन समूह भविष्य में उनसे संपर्क कर सकता है.
स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने गोवा में कहा, ‘‘ हमारी भविष्य में उन्हें (अन्ना हजारे को) जोड़ने की इच्छा हो सकती है. हम उनसे हमारा साथ देने और हमारा मार्गदर्शन करने का अनुरोध करेंगे लेकिन हमने फिलहाल उनसे संपर्क नहीं किया है.’’ यादव एक निजी दौरे पर गोवा गए हैं और वह स्थानीय नेताओं से भी मुलाकात करेंगे.
उन्होंने कहा कि यदि वे ऐसा करते हैं तो आप से अलग हुए नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण द्वारा गठित समूह स्वराज अभियान पर आप समेत अन्य पार्टियों की तरह किसी बडी हस्ती की मदद लेने का आरोप लग जाएगा. यादव ने कहा, ‘‘ उन्होंने इनकार नहीं किया है. हम मार्गदर्शन के लिए उनके पास नहीं गए हैं.’’ उन्होंने कहा कि वे देश के लिए संघर्ष कर रहे साधारण लोगों से मिल रहे हैं और यह अधिक महत्वपूर्ण है.
यादव ने एक प्रश्न का जवाब देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रदर्शन के आधार पर एक से 10 से बीच अंक देने से इनकार कर दिया. नेता ने कहा, ‘‘ आंकने के लिए हर मुख्यमंत्री को एक लंबा समय दिया जाना चाहिए.. उन्हें अभी आंकना गलत होगा.’’
यादव ने कहा, ‘‘ वास्तव में हमने स्वराज अभियान की एक नीति बनाई है कि हम आप के रोजमर्रा के मामलों पर टिप्पणी नहीं करेंगे. मीडिया को यह पसंद है लेकिन हम टिप्पणी नहीं करेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमने तोमर ( दिल्ली के कानून मंत्री) के मामले पर टिप्पणी की, हमने दिल्ली सरकार द्वारा जारी सार्वजनिक विज्ञापन के मामले पर टिप्पणी की. हमने उपराज्यपाल के मामले पर टिप्पणी की क्योंकि वे नीति संबंधी मामले थे.’’ यादव ने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग न्यायोचित है.
उन्होंने कहा, ‘‘ हर चयनित सरकार को अपने अधिकारियों को स्थानांतरित करने का अधिकार होना चाहिए. मुझे लगता है कि आदेश के टकराव की राजनीति पूर्ण राज्य का दर्जा पाने की कोशिश करने का एक अपरिपक्व रास्ता है. यह एक बहुत जायज मांग संबंधी मामले से निपटने का एक बहुत बचकाना तरीका है. इस अपरिपक्वता के कारण कुछ हासिल होने के बजाए प्रतिकूल असर पड़ सकता है.’’ यादव ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में दावा किया कि आप नेताओं ने समझौता किया है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि स्वयसेवकों ने भी ऐसा किया है.
उन्होंने कहा, ‘‘ किसी सामान्य स्वयंसेवक ने समझौता नहीं किया है. आप आंदोलन में कुछ बेहतरीन सामाजिक कार्यकता हैं.. उन्होंने भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किया है.उनकी इस भावना को जीवित रखना होगा.’’ योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्हें पार्टी से निष्कासित किए जाने संबंधी पत्र अभी तक नहीं मिला है.
यादव ने कहा, ‘‘ मुझे टेलीविजन चैनलों के माध्यम से पता चला कि मुझे निष्कासित कर दिया गया है. मैंने आप की अनुशासनात्मक समिति को मुझे निष्कासित किए जाने संबंधी पत्र देने के संबंध में पत्र लिखा है जो उन्होंने नहीं दिया है.’’ जब यादव से पूछा गया कि पार्टी से निकाले जाने पर उन्हें कैसा लगा, तो उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो अपनी भावनाएं व्यक्त कर पाते हैं लेकिन जब आपको अपने ही घर से बाहर रखा जाता है तो अच्छा नहीं लगता.यह अच्छा नहीं लगता.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन आप स्वयं को यह भी याद दिलाते हैं कि आपने मुश्किल राह पर चलना चुना है, यह लंबी यात्रा होगी, एक ठोकर एक लंबी यात्रा नहीं रोक सकती. एक बार गिरने पर आपको यह कहने का अवसर मिलता है कि ठीक है, मुझे और मजबूत होने की आवश्यकता है. ’’