केंद्र ने दिल्ली सरकार से टकराव वाला रुख छोडने को कहा

नयी दिल्ली : केंद्र ने आज कहा कि दिल्ली सरकार को अपना टकराव वाला रुख छोडना चाहिए और प्रशासनिक नियुक्तियों में भ्रम नहीं पैदा करना चाहिए. इन नियुक्तियों का अधिकार केंद्रीय गृह मंत्रालय में निहित है. मंत्रालय में मौजूद उच्च पदस्थ सूत्रों ने भ्रष्टाचार रोधी शाखा (एसीबी) के कामकाज को लेकर तकरार पर कहा है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2015 11:40 PM

नयी दिल्ली : केंद्र ने आज कहा कि दिल्ली सरकार को अपना टकराव वाला रुख छोडना चाहिए और प्रशासनिक नियुक्तियों में भ्रम नहीं पैदा करना चाहिए. इन नियुक्तियों का अधिकार केंद्रीय गृह मंत्रालय में निहित है. मंत्रालय में मौजूद उच्च पदस्थ सूत्रों ने भ्रष्टाचार रोधी शाखा (एसीबी) के कामकाज को लेकर तकरार पर कहा है कि दिल्ली की विधायिका का गठन संविधान की धारा 239 एए के तहत किया गया है जहां राज्य सरकार के पास पुलिस, लोक व्यवस्था और भूमि मुद्दों पर कोई हक नहीं है.

उन्होंने बताया कि केंद्र ने मुख्यमंत्री को नौकरशाही के कामकाज में अपनी बात रखने का हक देने के लिए कई कदम उठाये हैं लेकिन हाल के समय में दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच पूरी तरह से टकराव देखा गया है. सूत्रों ने बताया कि बेहतर कामकाज के लिए टकराव वाले रुख को छोडना होगा. एसीबी के कामकाज पर उन्होंने बताया कि तत्कालीन उपराज्यपाल ने एक अधिसूचना जारी कर एसीबी को पुलिस थाने की शक्तियां दी थी.

उन्होंने चेतावनी दी कि केंद्र उस अधिसूचना को कभी भी रद्द कर सकता है और एसीबी के पास कभी भी प्राथमिकी दर्ज करने की शक्ति नहीं होगी. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि दिल्ली सरकार का दिल्ली के मुख्य सचिव, गृह और वित्त सचिवों की नियुक्तियों में कोई अधिकार नहीं है. दिल्ली सरकार ने धर्म पाल की जगह राजेन्द्र कुमार को गृह सचिव नियुक्त किया है जिसे केंद्र ने मान्यता नहीं दी है.

सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने यह भी चेतावनी दी कि दिल्ली एक पूर्ण राज्य नहीं है इसलिए इसे अन्य राज्यों से स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रतिनियुक्ति नहीं मांगनी चाहिए. दिल्ली सरकार ने बिहार पुलिस से एसीबी में छह पुलिस अधिकारियों को नियुक्त किया था. वहीं, इससे जुडे एक घटनाक्रम के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप नेता कुमार विश्वास ने आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की.

दिल्ली सरकार में मौजूद सूत्रों ने दावा किया कि उन्होंने सिंह को एमके मीणा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जानकारी दी वहीं, गृहमंत्रालय सूत्रों ने बताया कि बैठक सिर्फ स्थानीय मुद्दों से निपटने के बारे में थी न कि विवादास्पद विषयों पर चर्चा की गई. केजरीवाल ने गृहमंत्री को एक गोपनीय पत्र भेज कर मीणा के खिलाफ आरोप गिनाये हैं.

Next Article

Exit mobile version