नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अपने मासिक रेडियो संबोधन में कई सामाजिक मुद्दों पर बोले लेकिन ललित मोदी प्रकरण से उठे राजनीतिक तूफान पर चुप रहना पसंद किया जिस विषय पर कांग्रेस ने तीखे हमले किये हैं.ललित मोदी प्रकरण पर चुप रहने के लिए भाकपा और आप भी प्रधानमंत्री पर हमला कर रही है.
आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने राजनीतिक मुद्दों को उठाने से परहेज किया और उन लोगों को भी निराश किया जो उनसे ललित मोदी प्रकरण पर बोलने की उम्मीद लगाए थे और जिस मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम जुड रहा है.
प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा, मैं पिछले कुछ दिनों की घटनाओं को और नजरिये से देखता हूं. काम करती सरकार, दौड़ती सरकार… एक बार लक्ष्य तय हो तो कैसे परिणाम ला सकती है.. से पिछले दिनों हमने देखा है. और जब चारों तरफ निराशा थी, ये हम न भूलें, एक साल पहले चारों तरफ एक ही स्वर सुनाई देता था, कि कुछ नहीं होता, कुछ नहीं होता, कुछ नहीं होता.
उन्होंने सरकार की तीन समाज कल्याण योजनाओं और तीन विकास योजनाओं का जिक्र किया जिनमें 2022 तक सभी को आवास की योजना शामिल है. प्रधानमंत्री के आज के संबोधन में 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस का विशेष तौर पर जिक्र किया गया.
अपने 20 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने बूंद बूंद पानी को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगाने की जरुरत पर जोर दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने इस योजना को पेश किया लेकिन जब व्यक्ति, समाज इसे जुड जाते हैं तब उसकी ताकत कितनी बढ़ जाती है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों हरियाणा के बीबीपुर गांव के एक सरपंच सुनील जगलान ने एक बहुत मजेदार पहल करते हुए अपने गांव में ‘सेल्फी विद डाटर’ स्पर्धा की और एक माहौल सा बन गया कि हर पिता अपनी बेटी के साथ सेल्फी निकाल कर उसे सोशल मीडिया पर डाले. ये कल्पना मुझे अच्छी लगी.
उन्होंने कहा कि हरियाणा में बालकों की तुलना में बालिकाओं की संख्या बहुत कम है. देश के करीब 100 जिले ऐसे हैं जिनमें भी ये हालत चिंताजनक है. हरियाणा में सबसे ज्यादा. लेकिन उसी हरियाणा के एक छोटे से गांव का सरपंच बेटी बचाओ अभियान को इस प्रकार का मोड दे, तब मन को बहुत आनंद होता है, और एक नयी आशा जागती है.
मोदी ने कहा, मैं भी आपसे आग्रह करता हूं कि आप भी अपनी बेटी के साथ, सेल्फी विद डाटरह्ण में सेल्फी निकाल कर जरुर पोस्ट कीजिये. उसके साथ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ इस विचार को ताकत देने वाला कोई टैगलाइन लिख करके दोगे, उत्तम पंक्ति लिख कर के दोगे, तो मैं रिट्वीट करुंगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, गत 15 अगस्त को मैंने लाल किले पर से स्कूलों में शौचालय के लिए अपील की थी. और मैंने कहा था अगले 15 अगस्त तक हमने इस काम को पूरा करना है. जो काम 60 साल में नहीं हो पाया वो एक साल में करने का आह्वान करना बड़ा साहस तो था, करीब साढे चार लाख टॉयलेट बनाने थे, लेकिन आज मैं संतोष के साथ कह सकता हूं अभी तो 15 अगस्त आने की देरी है, लेकिन करीब- करीब स्कूलों में टॉयलेट बनाने के काम को लोगों ने पूरा किया.
उन्होंने कहा कि मतलब सरकार, लोग, सरकारी मुलाजिम, सब कोई देश के लिए काम करना चाहते हैं. निस्वार्थ भाव से सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय, अगर हम संकल्प ले करके चलते हैं, तो सरकार भी दौडती है, सरकार के लोग भी दौड़ते हैं और जनता-जनार्दन पलक-पावडे बिछा करके उनका स्वागत भी करती है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी-अभी हमने तीन नई योजनाएं पेश कीं, खास करके शहरी जनों के लिए. हमारे देश में करीब 500 छोटे-मोटे शहर हैं. अमृत योजना के तहत हमने अपने शहरों को जीने योग्य बनाने के लिए बड़ा अभियान शूरु किया है. देश में दुनिया की बराबरी करके स्मार्ट सिटी होने चाहिए और गरीब से गरीब व्यक्ति को रहने के लिए घर होना चाहिए.