चीन के विरोध के बाद भी भारत को मिली आंशिक कामयाबी, दाउद, लखवी और हाफिज पर एपीजी रखेगा विशेष नजर
नयी दिल्ली : भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी दाउद इब्राहिम, मुंबई हमले के मास्टमाइंड जकी उर रहमान लखवी और हाफिज सईद पर संयुक्त राष्ट्र की पैसोफिक ग्रुप ऑफ एनफोर्स ( एपीजी) निगरानी करेगा. भारत द्वारा उठाये गये मांग पर चीन ने भले ही पाकिस्तान का साथ दिया हो पर भारत अपनी रणनीति में कामयाब रहा. […]
नयी दिल्ली : भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी दाउद इब्राहिम, मुंबई हमले के मास्टमाइंड जकी उर रहमान लखवी और हाफिज सईद पर संयुक्त राष्ट्र की पैसोफिक ग्रुप ऑफ एनफोर्स ( एपीजी) निगरानी करेगा. भारत द्वारा उठाये गये मांग पर चीन ने भले ही पाकिस्तान का साथ दिया हो पर भारत अपनी रणनीति में कामयाब रहा. संयुक्त राष्ट्र इन सभी पर प्रतिबंध लगाने के उदेश्य से नजर रखेगा. अब पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र भी अपनी कड़ी नजर रखेगा.
संयुक्त राष्ट्र की नजर इन तीन आतंकियों पर होने के कारण पाकिस्तान पर भी दबाव बनेगा और पाकिस्तान इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर भी ध्यान देगा. इसके अलावा इनकी अवैध संपत्ति को भी जब्त करने का दबाव बन सकता है. इससे पहले भारत की इस मांग पर चीन ने आपत्ति जतायी थी और अपना पक्ष रखा था कि इन मांगों को लेकर भारत ने पर्याप्त सबूत नहीं दिए जिससे इस कदम को उठाने में परेशानी होगी.
चीन ने इससे पहले इस आधार पर विरोध जताया कि पाकिस्तान एफएटीएफ का सदस्य नहीं है, इसलिए यह कदम नहीं उठाया जा सकता. भारत ने मांग की थी कि आतंकी हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम की संपत्ति जब्त की जाए. पाकिस्तान का समर्थन करके चीन ने भारत की मांग का विरोध किया जिसका फायदा पाकिस्तान को मिला.