कोयला घोटाला : कोडा के खिलाफ मामले में आरोप पर आदेश 14 जुलाई को
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक विशेष अदालत ने आज कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा और सात अन्य के खिलाफ आरोप तय करने के संबंध में आदेश जारी करने के लिए 14 जुलाई की तिथि निर्धारित की है. विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पराशर ने कहा, ‘‘आरोप के संबंध […]
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक विशेष अदालत ने आज कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा और सात अन्य के खिलाफ आरोप तय करने के संबंध में आदेश जारी करने के लिए 14 जुलाई की तिथि निर्धारित की है. विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पराशर ने कहा, ‘‘आरोप के संबंध में आदेश 14 जुलाई के लिए रखा जाए.’’ यह मामला झारखंड में राजहारा नार्थ कोल ब्लाक को कोलकाता स्थित विनी आइरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (विसुल) को आवंटित किये जाने से संबंधित है.
कोडा के अलावा इस मामले में अन्य आरोपियों में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए के बसु, विसुल, दो लोक सेवक बसंत कुमार भट्टाचार्य, विपिन बिहारी सिंह, विसुल के निदेशक वैभव तुलस्यान, कोडा के कथित करीब विजय जोशी और चार्टर्ड एकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान शामिल हैं. आठ आरोपियों को पूर्व में अदालत ने जमानत दे दी क्योंकि वे अपने खिलाफ जारी समन के अनुपालन में उपस्थित हो गए. अदालत ने जब कथित अपराध के लिए आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधडी), और धारा 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वास भंग करने) तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत संज्ञान लिया था तब इन्हें आरोपी के रुप में समन भेजा गया था.
सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में कहा था कि विसुल ने आठ जनवरी 2007 को राजहारा नार्थ कोल ब्लाक के आवंटन के लिए आवेदन किया था. सीबीआई ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने हालांकि कोयला ब्लाक के आवंटन के संबंध में विसुल के मामले की सिफारिश नहीं की, लेकिन ,36वीं स्क्रिनिंग समिति ने आरोपी कंपनी के लिए ब्लाक की सिफारिश कर दी. इससे पहले 29 मई को सीबीआई ने विशेष अदालत को बताया कि गुप्ता ने कथित तौर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस तथ्य को छिपाया कि झारखंड ने कोयला ब्लाक आवंटन के लिए विसुल की सिफारिश नहीं की थी.