व्यापमं घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर दिग्विजय पहुंचे शीर्ष अदालत
नयी दिल्ली: मध्य प्रदेश में बहुचर्चित व्यापमं घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर दवाब बनाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने उच्चतम न्यायालय की निगरानी में मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय में […]
नयी दिल्ली: मध्य प्रदेश में बहुचर्चित व्यापमं घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर दवाब बनाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने उच्चतम न्यायालय की निगरानी में मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय में ऐसे समय में याचिका दायर की है जब इस मामले में कम से कम 24 अभियुक्तों और गवाहों की अब तक रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो जाने के साथ यह मामला और पेचीदा हो गया है. कुछ खबरों में ऐसी मौतों की संख्या 40 तक होने का दावा किया गया है.
कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि फिलहाल घोटाले की जांच कर रही राज्य पुलिस के विशेष जांच दल ने मामले में इसकी व्यापकता और पुलिस, सिविल सेवा एवं न्यायपालिका के शीर्ष अधिकारियों और साथ ही साथ भाजपा नेताओं की कथित संलिप्तता के चलते अपनी लाचारी जाहिर की है. उन्होंने इस तथ्य को देखते हुए सख्त कारवाई किये जाने की मांग की कि यह मामला लंबी अवधि के दौरान राज्य सरकार की सेवाओं में कोई एक लाख तीस हजार नियुक्तियों से जुड़ा है जिसके लिए एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था. सिंह ने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला महज 130 शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितताओं को लेकर जेल में हैं.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एक बार पहले भी वह इस मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय पहुंचे थे उस वक्त अदालत ने यह माना था कि एसआइटी मामले को देख रही है. व्यापमं घोटाला मध्य प्रदेश में मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले और सरकारी भर्तियां का घोटाला है जिसमें अनेक राजनेता, उच्च अधिकारी और बिचौलियोंकी संलिप्तता के आरोप हैं.