बिहार चुनाव के बाद भूमि विधेयक को लेकर किसी फैसले पर विचार कर सकती है केंद्र सरकार

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार बिहार विधानसभा चुनाव के बाद विवादास्पद भूमि विधेयक के मुद्दे को लेकर किसी फैसले पर विचार कर सकती है. इस मुद्दे पर गौर कर रही संसदीय समिति ने अपनी सिफारिशों के लिए एक सप्ताह का और समय मांगा है. विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति में एकरुपता नहीं दिखने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2015 11:38 PM

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार बिहार विधानसभा चुनाव के बाद विवादास्पद भूमि विधेयक के मुद्दे को लेकर किसी फैसले पर विचार कर सकती है. इस मुद्दे पर गौर कर रही संसदीय समिति ने अपनी सिफारिशों के लिए एक सप्ताह का और समय मांगा है.

विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति में एकरुपता नहीं दिखने के साथ ही सरकार अब ललितगेट के मुद्दे और दूसरे कुछ मुद्दों को लेकर विपक्ष के हमलों का सामना का रही है. ऐसी स्थिति में इसके आसार कम हैं कि संसद के मानसून सत्र में सरकार विपक्ष से एक और मोर्चे पर भिड़ना चाहेगी. अगर भूमि विधेयक को मानसून सत्र में नहीं लाया जाता तो फिर आगामी शीतकालीन सत्र बिहार विधानसभा चुनाव के बाद होगा. मानसून सत्र 21 जुलाई से आरंभ हो रहा है.

कांग्रेस के गलियारे में यह चर्चा है कि सरकार के पास इस विधेयक को पारित कराने के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाने के अलावे दूसरा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि राज्यसभा में संख्या सरकार के पक्ष में नहीं है. सपा, बसपा, राकांपा और जदयू जैसे दल भूमि विधेयक का पूरी तरह विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, समिति में इसको लेकर समझौते की बिल्कुल भी संभावना नहीं है. अगर वे विधेयक को पारित कराना चाहते हैं तो संयुक्त सत्र एकमात्र रास्ता है.

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