नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह मध्य एशिया के पांच प्रमुख देशों का दौरा करेंगे जिसमें कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान शामिल है. प्रधानमंत्री की यह यात्रा अगले सप्ताह से 6 से 13 जुलाई तक होनी है. यह दौरा प्रधानमंत्री के लिए बेहद महत्वपूर्ण है इस दौरान वह आईएस( इस्लामिक स्टेट) के आतंक पर कोई बड़ी टिप्पणी कर सकते हैं. मध्य एशिया के कुछ देश है जहां इस्लामिल स्टेट अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहा है.
इन देशों के अलावा प्रधानमंत्री रूस की भी यात्रा पर जायेंगे जहां वह ब्रिक्स और एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री भारत के लिए नयी संभावनाओं की भी तलाश करेंगे, इसके अलावा आतंकवाद की बढ़ती समस्या और इसके नियंत्रण के साथ साथ टेक्नोलॉजी, सेना के परीक्षण पर भी चर्चा की जायेगी.
मध्य एशिया में आतंकवाद की बढ़ती समस्या चिंता का एक बड़ा कारण है. इस इलाके में ज्यादातर नौजवान आईएस में भरती हो रहे हैं और आईएस की विचारधारा पर आगे चल रहे है. मध्य एशिया के कई देशों ने इस पर नियंत्रण के लिए युवाओं को जागरूक करने की कोशिश की है. कहीं इस तरह की हरकत पर नजर रखने के लिए सेना को तैनात किया गया है, तो कहीं कानूनी पहल के जरिये इस पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है.
भारत भी इन देशों को कट्टरता और आतंकवाद को खत्म करने के लिए मध्य एशिया के कई देशों का समर्थन करता है. जून में यूएस स्टेट विभाग ने एक रिपोर्ट जारी किया था जिसमें खुलासा किया गया था कि मध्य एशिया में आतंकवाद और आतंकवादी समूह की ओर युवाओं का झुकाव बढ़ रहा है. आतंकवादी समूहों की ओर झुकाव रखने वालों में युवाओं की संख्या अधिक है जिसमें 18 साल से कम के बच्चे ज्यादा शामिल है. भारत मध्य एशिया के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है ऐसे में प्रधानमंत्री का यह दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण होगा.