पंकजा मुडे पर लगे भ्रष्टाचार के नये आरोप, 1.40 करोड़ का अवैध ठेका देने का आरोप
मुंबई: विदेश से लौटकर पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों जब भरोसा दिलाया कि वह अपने खिलाफ हो रही साजिश का पर्दाफाश करेंगी, तो उन्हें नहीं पता था कि वह भ्रष्टाचार के नये विवाद में घिर जायेंगी. एक अंग्रेजी अखबार ने खबर छापी है कि पंकजा मुंडे ने चिक्की घोटाले के अलावा जल संरक्षण परियोजनाओं के […]
मुंबई: विदेश से लौटकर पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों जब भरोसा दिलाया कि वह अपने खिलाफ हो रही साजिश का पर्दाफाश करेंगी, तो उन्हें नहीं पता था कि वह भ्रष्टाचार के नये विवाद में घिर जायेंगी. एक अंग्रेजी अखबार ने खबर छापी है कि पंकजा मुंडे ने चिक्की घोटाले के अलावा जल संरक्षण परियोजनाओं के लिए दो ठेका दिया है जिसमें भी सरकारी नियमों की अनदेखी की गयी है. यह ठेका मध्य प्रदेश के परभानी जिले में दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपि खबर के अनुसार यह ठेका बोली लगने की प्रकिया के तहत दिया गया जो तकनीकी तौर पर बिल्कुल काम नहीं कर सकता कथित तौर पर इसे पंकजा मुंडे के दफ्तर से सहमति मिली है. पंकजा मुंडे पर इस बार दो ठेको को पास करने का आरोप लगा है. यह प्रोजेक्ट राज्य सरकार के निर्देश के तहत काम कर रहा है. जलयुक्त शिविर योजना जो गांवों को सुखे से राहत देने के लिए तैयार किया गया है. इसमें लगभग 1.40 करोड़ का ठेका है जो सुनील हाईटेक कंपनी को दिया गया है जिसमें पंकजा मुंडे और भाजपा नेता रत्नाकर गुट्टे का नाम सामने आ रहा है.
टेंडर के दस्तावेज के अनुसार जल संरक्षण विभाग के उप सचिव की तरफ से आये पत्र में यह साफ किया गया था कि यह कंपनी सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी है इस कंपनी को बोली लगाने की प्रकिया से बाहर कर दिया गया था. इसके पीछे का कारण था कि इस कंपनी के सारे दस्तावेज जमा नहीं थे और सरकारी नियमों के हिसाब से इन्हें तैयार नहीं किया गया था. अधिकारियों ने इसकी जगह दूसरी सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी विजय कंट्रक्शन को यह ठेका दे दिया.
गुट्टे ने इस संबंध में पंकजा मुंडे के दफ्तर से संपर्क किया मुंडे इस विभाग की प्रमुख है. इस मुलाकात के बाद मुंडे के निजी सचिव डॉ नरेश गिते ने एक चिट्ठी जल संरक्षण विभाग को लिखी. इस चिट्ठी में लिखा गया है मंत्री ने इस संबंध में जांच की है और सबसे कम बोली लगाने वाले को ही यह टेंडर दिया जाना चाहिए. यह सिफारिश तब की गयी जबकि बोली लगाने के लिए कंपनी ने दस्तावेजों में ठीक ढंग से हस्ताक्षर नहीं किये थे और बोली के लिए कंपनी ने पूरे दस्तावेज जमा नहीं किये थे.पंकजा मुंडे चिक्की घोटाले के बाद अब जल संरक्षण के लिए ग्रामीण इलाकों में बनायी गयी योजना के टेंडर बंटवारे में भी अपने हस्तक्षेप से विवादों में है. इस नये विवाद को लेकर पार्टी की तरफ से अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.