देह व्यापार के चंगुल से निकलने के लिए यौनकर्मी ले रही हैं साड़ी की मदद

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल और बिहार की यौनकर्मी पुरानी साडियों में कशीदाकारी कर गहने और बालों की पिन तथा क्लिप बनाने में अमेरिका के एक डिजाइनर की मदद कर रही हैं और इन उत्पादों की बिक्री से होने वाली आमदनी का उपयोग देह व्यापार के धंधे से मुक्त कराई गई महिलाओं और बच्चों की शिक्षा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2015 12:41 PM

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल और बिहार की यौनकर्मी पुरानी साडियों में कशीदाकारी कर गहने और बालों की पिन तथा क्लिप बनाने में अमेरिका के एक डिजाइनर की मदद कर रही हैं और इन उत्पादों की बिक्री से होने वाली आमदनी का उपयोग देह व्यापार के धंधे से मुक्त कराई गई महिलाओं और बच्चों की शिक्षा में किया जा रहा है.

रोजेना सामी ज्वेलरी की संस्थापक रोसेना सामी ने बताया कि वे बहुत ही रोमांचित है कि पर्यावरण के अनुकूल एक उत्पाद तैयार करने के लिए वे साथ काम कर रहे हैं. यह संग्रह तैयार करने के लिए उन्होनें पुरानी साडियों का उपयोग किया है और इसका नाम ‘हू’ज साडी नाउ’ रखा है.

फिलहाल वे गहने, बालों की पिन, क्लिप, चूडियां, हार और तरह तरह के हेडबैंड बना रहे हैं. जल्द ही बैग भी बनाने वाले हैं.
‘अपने आप वूमन वर्ल्डवाइड’ गैर सरकारी संगठन से जुडी ‘हू’ज साडी नाउ’ पहल का उद्देश्य देश भर में रेडलाइट इलाकों से मुक्त कराई गई महिलाओं और बच्चों को अधिकार संपन्न बनाना है.’हू’ज साडी नाउ’ के तहत तैयार की गई जूलरी और एक्सेसरीज के संग्रह की बिक्री से मिलने वाली राशि देह व्यापार से मुक्त कराई गई महिलाओं और लडकियों की शिक्षा में लगाई जाती है.
दिल्ली आधारित ‘अपने आप वूमन वर्ल्डवाइड’ गैर सरकारी संगठन की संस्थापक और अध्यक्ष रुचिरा गुप्ता कहती हैं कि ‘चूडियों और हेडबैंड की बिक्री से मिलने वाली राशि का कुछ प्रतिशत देश भर में रेडलाइट इलाकों की महिलाओं के बच्चों के लिए स्कूलों में लगाया जाता है. यह कार्य अपने आप सामुदायिक केंद्रों के जरिये किया जाता है.’

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