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दुनिया के सामने रक्त-हीन साइबर युद्ध का खतरा : प्रधानमंत्री
नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व भर में साइबर सुरक्षा को लेकर व्यप्त चिंताओं को मुखर करते हुए आज कहा कि भारत को रक्त-हीन साइबर युद्ध की चुनौतियों से निपटने के तरीके निकालने होंगे. मोदी देश में डिजिटल क्रांति के लिए एक अभियान शुरु किया जिसमें कई बडी कंपनियों ने इस क्षेत्र में 4.5 […]
नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व भर में साइबर सुरक्षा को लेकर व्यप्त चिंताओं को मुखर करते हुए आज कहा कि भारत को रक्त-हीन साइबर युद्ध की चुनौतियों से निपटने के तरीके निकालने होंगे. मोदी देश में डिजिटल क्रांति के लिए एक अभियान शुरु किया जिसमें कई बडी कंपनियों ने इस क्षेत्र में 4.5 लाख करोड रुपए के निवेश की घोषणा की.
मोदी ने डिजिटल इंडिया सप्ताह का उद्घाटन करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से निपटने, पारदर्शी और प्रभावी शासन उपलब्ध कराने तथा गरीब-अमीर के बीच खाई को पाटने के लिये यह जरुरी है.
प्रधानमंत्री ने अपनी मंत्रिपरिषद के कई सहयोगियों तथा भारतीय उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी में मोबइल सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित राजकाज की सुविधा कायम किए जाने पर बल देते हुए कहा, हमें ई-गवर्नेंस से एम-गवर्नेंस की ओर बढना है. एम-गवर्नेंस का मतलब मोदी शासन नहीं है. इसका मतलब मोबाइल-गवर्नेंस है. इस मौके पर कुछ वैश्विक कंपनियों के सीईओ भी मौजूद थे.
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत के पास आईटी के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं और देश में इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने का वादा किया. उन्होंने इस संदर्भ में विशेष रुप से नई कंपनियों (स्टार्ट अप) का जिक्र किया. आयात के मामले में पेट्रोलियम उत्पादों के बाद इलेक्ट्रानिक वस्तुओं का स्थान है.
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