कोलकाता : भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आज मांग की कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को केंद्रीय गृह मंत्री सुशीलकुमार शिंदे से कहना चाहिए कि वह मुख्यमंत्रियों को भेजे पत्र वापस ले लें. उन्होंने कहा कि यह पत्र संविधान की भावना के खिलाफ है.
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘ हम मांग करते हैं कि उस पत्र को वापस लेने के संबंध में प्रधानमंत्री को तत्काल केंद्रीय गृह मंत्री को आदेश देना चाहिए. शिंदे का बयान संविधान की भावना के खिलाफ है. कौन दोषी है और कौन नहीं, इसका फैसला अदालत करेगी. इसका फैसला जाति, समुदाय और धर्म के आधार पर नहीं हो सकता.’’शिंदे ने हाल ही में सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था कि वे यह देखें कि आतंकवाद के नाम पर किसी निदरेष मुस्लिम युवक को अनुचित तरीके से हिरासत में नहीं लिया जाए.
सिंह ने कहा, ‘‘कांग्रेस देश की सबसे बड़ी सांप्रदायिक पार्टी है. इसके पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारतीय संसाधनों पर पहला अधिकार मुस्लिमों का है. अब हमारे केंद्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख कर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आतंकवाद के नाम पर किसी मुस्लिम युवक को अनुचित तरीके से हिरासत में नहीं लिया जाए. हम कह रहे हैं कि किसी भी निदरेष युवक को परेशान नहीं किया जाना चाहिए उसकी जाति, समुदाय या धर्म जो भी हो.’’
कांग्रेस को ‘‘सर्वाधिक सांप्रदायिक पार्टी’’ करार देते हुए भाजपा प्रमुख राजनाथ सिंह ने कहा कि जब भी कोई चुनाव आता है, ‘‘यह सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति में लिप्त हो जाती है.’’उन्होंने कहा, ‘‘ देश में सांप्रदायिक सौहार्द स्थापित नहीं होने के लिए अगर कोई दोषी है, तो यह कांग्रेस पार्टी है. अंग्रेजों ने बांटो और राज करो की नीति का अनुसरण किया था. आजादी के बाद कांग्रेस ने वोट बैंक राजनीति का अनुसरण किया है.’’