PHOTOS: भारत की 5 सबसे खतरनाक सड़कें, जहां ड्राइविंग करना यानी ‘जान की बाजी लगाना’!
ड्राइविंग करना किसे नहीं पसंद वो भी उन रास्तों पर जहां मंजिल बहुत दूर हो यानी Long Drive. मगर भारत की कुछ ऐसी सड़कें हैं जो खूबसूरत होने के साथ- साथ बेहद खतरनाक भी हैं. आज हम आपको भारत की ऐसी पांच सड़कों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन पर ड्राइव करना हर किसी के बस की बात नहीं.
लेह-मनाली राजमार्ग देश की सबसे खूबसूरत सड़कों में से एक है लेकिन ये जितनी खूबसूरत है उतनी ही खतरनाक भी है. लगभग 490 किलोमीटर तक फैली ये सड़क हिमाचल प्रदेश और जम्मू -कश्मीर से होकर गुजरती है. इस पर ड्राइविंग करते समय, चालक को अधिक सतर्क और चौकस रहना चाहिए. ठंड के मौसम में इस रस्ते पर दूर- दूर तक कोई नहीं दिखाई देता है. इसलिए इमरजेंसी के लिए हमेशा ज्यादा ईंधन साथ रखना चाहिए.
Zoji La Passसमुद्र तल से 11575 फीट की ऊंचाई पर है. ज़ोजी ला पास लगभग 9 किमी दूर है और चट्टान की इस सड़क से गुजरना कोई बच्चों का खेल नहीं है. ये NH-1 पर हिमालय का पश्चिमी भाग है, जो श्रीनगर और लेह के बीच स्थित है. खतरनाक पैच फोटू ला के बाद दूसरा सबसे ऊंचा स्थान है और अक्सर खराब मौसम के कारण सर्दियों में बंद रहता है. यहां सावधानी से ड्राइव करना चाहिए.
श्योक और नुब्रा घाटी के गेटवे के लिए , खारदुंग ला को लेह से लगभग 40 किमी दूर दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क मानी जाती है. काराकोरम रेंज में स्थित, ये दर्रा घाटी के लुभावने नजारे देती है.अगर आप कुछ एडवेंचर्स करना चाहते हैं तो ड्राइव के लिए ये जगह काफी बेहतर है. यहां कारों और मोटरबाइकों के लिए ये काफी स्मूथ है. लेह से खारदुंग ला तक सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच, और दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक खारदुंग ला से लेह तक जाने की अनुमति है. यहां मौसम अधिकतर ज्यादा खराब रहता है. इसलिए खराब स्थिति के लिए तैयार रहने जरूरत रहती है. मई और अक्टूबर के बीच के महीनों में यहां ड्राइव करना काफी सही रहता है.
Rohtang Passलाहौल-स्पीति और लेह के गेटवे के लिए, रोहतांग दर्रा उत्तर भारत में सबसे ज्यादा ऊंचाई वाला दर्रा है. ये मनाली से लगभग 53 किमी दूर स्थित है. ट्रैवलर यहां घाटी, ग्लेशियर, पहाड़ और चंद्रा नदी के शानदार नजारों का लुत्फ उठा सकते हैं. ये दर्रा जून और अक्टूबर के महीनों के बीच खुला रहता है और इस दौरान बहुत सारे पर्यटक आते हैं.
Nathulaनाथू ला समुद्र तल से 4310 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और पूर्वी सिक्किम में प्राचीन सिल्क रूट का एक हिस्सा है. इस पर जाने वाली सड़क को यात्रा करने के लिए सबसे खतरनाक लेकिन खूबसूरत सड़कों में से एक माना जाता है. ये भारतीय और चीनी सेना के मध्य आपसी समझौते द्वारा स्थापित उन चार स्थलों में से एक भी है जहां दोनों सेनाओं के लोग आपसी गतिरोध दूर करने के लिए मिल सकते हैं. इस सड़क से गुजरने के दौरान सुंदर Tsomgo झील और बाबा हरभजन मंदिर को आप देख पाएंगे. जो पर्यटकों के आकर्षण के साथ-साथ काफी लोकप्रिय है. यहां सर्दियों के दौरान भारी बर्फबारी होती है. इसलिए गर्मियों के समय जाने के लिए काफी अच्छा माना जाता है.
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