राज्य सरकार के आय का सबसे बाद श्रोत्र शराब से होने वाली इनकम होती है. राज्य सरकारों के बजट का बड़ा हिस्सा शराब से होने वाली आय पर निर्भर करता है, बावजूद इसके दक्षिण के एक राज्य ने 500 से ज्यादा खुदरा शराब की दुकानों को बंद करने का फैसला लिया है. वहीं विपक्ष ने भी सरकार के इस फैसले की सराहना की है.
दरअसल तमिलनाडु में राज्य द्वारा संचालित TASMAC ने शराब की 500 खुदरा दुकानों को बंद करने के सरकारी आदेश (जीओ) को लागू करने की बुधवार को घोषणा की. ये दुकानें 22 जून से नहीं खुलेंगी. तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी ने राज्य विधानसभा में अप्रैल महीने में इस संबंध में घोषणा की थी. वह तब आबकारी विभाग के प्रभारी थे.
बताया गया है कि पूजा स्थलों, स्कूलों, कॉलेजों के पास TASMAC की दुकानों और कम आय अर्जित करने वाली दुकानों की पहचान कर उन्हे बंद करने के लिए ये कदम उठाए गए हैं . तमिलनाडु में राज्य सरकार के निकाय टीएएसएमएसी के स्वामित्व वाले 5329 रिटेल आउटलेट हैं, और इनमें से 500 को बंद कर दिया जाएगा.
आपको बताएं कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के निर्देश’ पर तब विधानसभा में की गई घोषणा का जिक्र करते हुए तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (टीएएसएमएसी) ने एक बयान में कहा कि इस संबंध में सरकारी आदेश 20 अप्रैल 2023 को जारी किया गया था. इस आदेश में शराब की 500 खुदरा दुकानों की पहचान करने और उन्हें बंद करने को कहा गया था. टीएएसएमएसी के अनुसार, ‘‘ सरकारी आदेश को लागू करने के लिए कहा गया है कि राज्य में उन 500 खुदरा दुकानों की पहचान करें और 22 जून 2023 से उन्हें बंद किया जाए.’’
गौरतलब है कि वर्ष 2022-23 के लिए टीएएसएमएसी शराब की बिक्री 44,098.56 करोड़ रुपये को छू गई है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान बिक्री के आंकड़े 36,050.65 करोड़ रुपये थे, जिसमें 27 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई थी.
वहीं विपक्षी दल पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) ने इस कदम का स्वागत किया और स्टालिन से राज्य में शराबबंदी लागू करने का आग्रह किया. राज्य में शराबबंदी की प्रमुखता से वकालत करने वाले पीएमके ने बाकी दुकानों को भी चरणबद्ध तरीके से बंद करने का आह्वान किया.
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