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व्यापमं घोटाले की जांच कर रहे दो अधिकारियों को धमकी, डॉ साकल्ले की हत्या लेजर गन से किये जाने का आरोप

भोपाल : मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाला की जांच कर रहे स्पेशल टॉस्क फोर्स से जुडे दो वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले की जांच करने के कारण परिणाम भुगतने की धमकियां मिली हैं. उल्लेखनीय है कि इस बहुचर्चित घोटाले से जुडे 43 आरोपियों, गवाहों व खुलासा करने वालों की अबतक रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो […]

भोपाल : मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाला की जांच कर रहे स्पेशल टॉस्क फोर्स से जुडे दो वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले की जांच करने के कारण परिणाम भुगतने की धमकियां मिली हैं. उल्लेखनीय है कि इस बहुचर्चित घोटाले से जुडे 43 आरोपियों, गवाहों व खुलासा करने वालों की अबतक रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो चुकी है.
हाल ही में इस मामले लगातार हो रही रहस्यमय मौत के मद्देनजर कांग्रेस महसचिव दिग्विजय सिंह ने इस मामले की सुप्रीम कोर्ट से उसकी निगरानी में सीबीआइ जांच के लिए अपील की है. इस मामले में अबतक 2000 गिरफ्तारियां हुईं हैं, जिसमें पूर्व मंत्री, अफसर, अभिभावक व छात्र भी शामिल हैं.
डॉ डीके साकल्ले ने आत्महत्या नहीं की थी : डॉ सुधीर तिवारी
वहीं, इस मामले में आइएमए के अध्यक्ष डॉ सुधीर तिवारी ने एक चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा है कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन डॉ डीके साकल्ले ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि लेजर गन से उनकी हत्या की गयी थी. उन्होंने कहा है कि इस हत्या में जिस गन का प्रयोग किया गया था, उसे नेपाल से बिहार के रास्ते जबलपुर लाया गया था. उन्होंने यह जानकारी एक सूत्र के द्वारा देने की बात कही है.
उन्होंने कहा कि डॉ डीके साकल्ले फारेंसिक विभाग के अध्यक्ष थे और उन्हें आत्महत्या के कई तरीके मालूम थे. ऐसे में वे केरोसिन डाल कर आत्महत्या कर ही नहीं सकते थे. क्योंकि इस तरह आत्महत्या करने वाले की मौत दो-तीन दिन में होती है और बहुत पीडा होती है. उन्होंने सवाल उठाया कि साकल्ले की मौत की सीबीआइ जांच क्यों नहीं करायी गयी.

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