11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुल्लापेरियार बांध : सीआईएसएफ की तैनाती पर केरल को न्यायालय का नोटिस

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज तमिलनाडु के इस आग्रह पर केरल की प्रतिक्रिया पूछी कि मुल्लापेरियार बांध की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ के सुपुर्द किया जाए. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच एल दत्तू की अगुवाई वाली पीठ ने तमिलनाडु के आग्रह पर नोटिस जारी किया. इस आग्रह में यह भी कहा गया है कि […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज तमिलनाडु के इस आग्रह पर केरल की प्रतिक्रिया पूछी कि मुल्लापेरियार बांध की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ के सुपुर्द किया जाए. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच एल दत्तू की अगुवाई वाली पीठ ने तमिलनाडु के आग्रह पर नोटिस जारी किया. इस आग्रह में यह भी कहा गया है कि केरल सरकार को नए बांध के निर्माण के लिए पर्यावरण एवं वन विभाग से पर्यावरण मंजूरी हासिल करने की अनुमति न दी जाए. तमिलनाडु ने अपने एक आवेदन में अदालत से यह आदेश देने का आग्रह किया था कि केरल को उसके नए प्रस्तावित बांध के लिए स्थल पर पर्यावरण प्रभाव का आकलन करने से रोका जाए. पीठ को तमिलनाडु सरकार के वकील ने बताया कि मामले के पूर्ववर्ती फैसले के अनुसार, स्थल पर कोई भी नये बांध का निर्माण दोनों राज्यों की सहमति से ही किया जा सकता है.

पीठ में न्यायमूर्ति अमिताव राय और न्यायमूर्ति अरुण मिश्र भी हैं. तमिलनाडु सरकार ने 20 फरवरी को उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल कर केरल में मुल्लापेरियार बांध की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ को तैनात किए जाने की मांग की थी. बांध की सुरक्षा का कार्य फिलहाल केरल सरकार देख रही है. केरल सरकार ने भी एक आवेदन दाखिल कर पांच मई 2014 को दिए गए फैसले पर स्पष्टीकरण मांगा जिसमें उच्चतम न्यायालय ने बांध का जल संग्रह स्तर बढ कर 142 फुट करने की अनुमति दी थी.

बहरहाल, राज्य ने बाद में यह कहते हुए आवेदन वापस ले लिया कि वह तीन सदस्यीय मुल्लापेरियार समिति के समक्ष जाएगा. पीठ ने आवेदन वापस लेने का यह आग्रह स्वीकार कर लिया जिसमें केरल ने तर्क दिया था कि पानी के संग्रह का स्तर तब तक 142 फुट तक न बढाया जाए जब तक कि बांध के सभी 13 ‘स्पिलओवर गेट’ काम नहीं करने लगते. केरल का तर्क था कि फैसले के समय केवल 12 ‘स्पिलओवर गेट’ ही काम कर रहे थे. उच्चतम न्यायालय ने अपने सात मई 2014 के फैसले की समीक्षा करने का केरल सरकार का आग्रह तीन दिसंबर को ठुकरा दिया. न्यायालय ने 120 साल पुराने मुल्लापेरियार बांध को सुरक्षित बताते हुए तमिलनाडु को जल स्तर 142 फुट बढाने और बांध की मजबूती के लिए किए जा रहे उपायों के पूरा होने के बाद जल स्तर को 152 फुट करने की अनुमति दे दी.

मुल्लापेरियार बांध चिनाई से तैयार किया गया है. ‘पेरियार लेक लीज एग्रीमेंट ऑफ 29 अक्तूबर 1886’ के तहत पेरियार नदी पर बांध का निर्माण किया गया. करीब आठ साल तक लगातार निर्माण चलने के बाद वर्ष 1895 में बांध का निर्माण पूरा हुआ. यह बांध केरल में थेक्काडी जिले में है. इसका मालिकाना हक तमिलनाडु के पास है जो इसका संचालन करता है. मुख्य बांध की लंबाई 1200 फुट और उंचाई 155 फुट है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें