केंद्र ने आशंका दूर की, कहा: मदरसे भारत की हकीकत

मुम्बई: केंद्र ने केवल धर्म की शिक्षा दे रहे मदरसों की मान्यता खत्म करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले से उत्पन्न आशंकाओं को आज यह कहते हुए दूर करने का प्रयास किया कि मदरसे भारत की हकीकत हैं और इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां पीटीआई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2015 8:44 PM

मुम्बई: केंद्र ने केवल धर्म की शिक्षा दे रहे मदरसों की मान्यता खत्म करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले से उत्पन्न आशंकाओं को आज यह कहते हुए दूर करने का प्रयास किया कि मदरसे भारत की हकीकत हैं और इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए.

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘मैंने मदरसों को आश्वासन दिया है कि सरकार सभी के लिए शिक्षा के पक्ष में है तथा मैं उन्हें आश्वासन देना चाहता हूं कि धन की कोई दिक्कत नहीं होगी. ’’ यहां इफ्तार कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार इन इस्लामिक शिक्षण केंद्रों को शिक्षा के अधिकार कानून के तहत मुख्य धारा की शिक्षा प्रणाली में शामिल करने पर विचार करेगी.

महाराष्ट्र सरकार ने कल कहा था कि जिन मदरसों में अंग्रेजी, गणित एवं विज्ञान जैसे प्राथमिक विषयों की पढाई नहीं होती हैं, उन्हें गैर स्कूल समझा जाएगा और वहां पढने वाले विद्यार्थियों को स्कूल के बाहर के बच्चे माना जाएगा.नकवी ने कहा कि लेकिन ऐसे ज्यादातर शिक्षण संस्थान अच्छा काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मदरसे भारत की हकीकत है. हम महसूस करते हैं कि मदरसों के मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. हम इसे वोट बैंक की राजनीति के रुप में नहीं देखते. यह मुद्दा मुसलमानों के सशक्तिकरण से जुडा है. ’’ नकवी ने पिछली कांग्रेसनीत सरकार की शिक्षा के अधिकार कानून को लेकर आलोचना की और कहा कि यह कानून मदरसों को शैक्षणिक संस्था नहीं मानता है.

इस बात पर बल देते हुए कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ‘समग्र विकास के प्रति कटिबद्ध’ है नकवी ने कहा, ‘‘हमें नरम रुख अपनान है. प्राथमिकता सभी को शिक्षा पर होनी चाहिए. भारतीय संविधान सभी के लिए शिक्षा की गारंटी देती है.’’

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