जयराम हेमंत सरकार के काम से नाराज, तोड़ सकते हैं नाता

।। अंजनी कुमार सिंह ।। नयी दिल्ली : विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सह मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जयराम रमेश झारखंड की मौजूदा सरकार से अपना नाता तोड़ सकते हैं. वह सरकार के कामकाज से असंतुष्ट और नाखुश हैं. इसका कारण सरकार में फैल रहे भ्रष्टाचार व जनता की अपेक्षाओं पर खरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2013 9:40 AM

।। अंजनी कुमार सिंह ।।

नयी दिल्ली : विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सह मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जयराम रमेश झारखंड की मौजूदा सरकार से अपना नाता तोड़ सकते हैं. वह सरकार के कामकाज से असंतुष्ट और नाखुश हैं. इसका कारण सरकार में फैल रहे भ्रष्टाचार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए प्रयास किया जाना बताया जा रहा है. अच्छे अफसरों को साइड लाइन करने की तैयारी और सरकार में शामिल दल के नेताओं द्वारा काम की एवज में पैसे की मांग भी प्रमुख कारणों में सामने आया है.

इतना ही नहीं राज्य में भारी पैमाने पर फेरबदल के लिए प्रशासनिक अफसरों की सूची बनी है, जिसमें ईमानदार काम करनेवाले अफसरों को साइड लाइन किया गया है. जिन पर कई आरोप लगे हैं, उन्हें मलाईदार पद देने की तैयारी की गयी है.

श्री रमेश काम करनेवाले, ईमानदार और साफसुथरी छविवाले अफसरों को सरकार की ओर से संरक्षण देने अधिक अधिकार देने के पक्ष में हैं. दूसरी ओर माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री दबाव में हैं. सरकार में शामिल दल अपने चहेते अफसरों को महत्वपूर्ण पद देना चाहते हैं.

* रांची में सीएम से मिले : सरकार बनाने से पूर्व वर्तमान सरकार को लेकर जयराम ने जो दावा किया था वह पूरा होता नहीं दिख रहा है. हाल ही में एनएचपीसी से झारखंड में एक संयंत्र लगाने के लिए राज्य के एक बड़े नेता द्वारा मांगी गयी भारी-भरकम राशि की शिकायत मिलने के बाद जयराम काफी नाखुश हैं. कई नेताओं द्वारा पब्लिक और प्राइवेट कंपनियों से बड़ी राशि मांगी गयी है. श्री रमेश मंगलवार को रांची आये. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ बात की.

* नाराजगी के कारण

* बड़े पैमाने पर स्थानांतरण के लिए अफसरों की सूची तैयार

* ईमानदार और कर्मठ अधिकारियों को साइड लाइन करने की तैयारी

– लाचार हैं सीएम हेमंत सोरेन

एक विश्वस्त सूत्र ने प्रभात खबर से कहा कि जयराम की दो बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बातचीत हुई है, पर सीएम लाचार हैं. जयराम ने मुख्यमंत्री को साफ तौर पर कहा है कि आपको अभी कम से कम 40 सालों तक सक्रिय राजनीति करनी है. इसीलिए दबाव में ऐसा कोई भी काम न करें, जिससे सरकार और उनकी खुद की छवि धूमिल हो. ऐसा कोई भी काम न होने दें जिससे सरकार के ऊपर भ्रष्टाचार के छींटे पड़े.

मुख्यमंत्री साफ-सुथरी और पारदर्शी सरकार के पक्ष में है, उनमें जोश है. उनका इरादा अच्छा है. लेकिन उनकी स्थिति उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव सरीखे बनती जा रही है. वह चुपचाप सब कुछ देखते रहने को विवश हो रहे हैं. ऐसे में जयराम द्वारा सरकार का साथ देना मुश्किल होगा.

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