profilePicture

विशेष पिछड़ी जनजाति के 2.41 लाख विद्यार्थियों को गणवेश

भोपाल : मध्यप्रदेश में तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों,भारिया, बैगा एवं सहरिया में शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए आदिम-जाति कल्याण विभाग ने इन जनजाति के पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक के दो लाख 41 हजार विद्यार्थियों को नि:शुल्क गणवेश के अलावा स्वेटर, जूते-मोजे तथा स्कूल बैग उपलब्ध कराए हैं. विभागीय अधिकारियों ने आज यहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2013 2:26 PM

भोपाल : मध्यप्रदेश में तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों,भारिया, बैगा एवं सहरिया में शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए आदिम-जाति कल्याण विभाग ने इन जनजाति के पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक के दो लाख 41 हजार विद्यार्थियों को नि:शुल्क गणवेश के अलावा स्वेटर, जूते-मोजे तथा स्कूल बैग उपलब्ध कराए हैं.

विभागीय अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस कार्य पर विभाग ने 14 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की है. इसके तहत विभाग द्वारा संचालित 97 छात्रवास में पढ़ने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के विद्यार्थियों को गणित, अंग्रेजी एवं विज्ञान विषय की विशेष ‘कोचिंग’ देने के लिए प्रति संस्था 6,000 रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई है.

विशेष पिछड़ी जनजाति के विद्यार्थियों को उनकी ही भाषा में पढ़ाई कराने के लिए 504 भाषाई शिक्षकों की व्यवस्था भी की गई है. इन जनजातियों के विद्यार्थियों के शैक्षणिक उत्थान के लिए प्रदेश के इंदौर, गुना एवं जबलपुर में तीन विशेष पिछड़ी जनजाति ‘एकलव्य आवासीय विद्यालय’ संचालित किए जा रहे हैं. प्रत्येक आवासीय विद्यालय में 300 बालक एवं 300 बालिकाओं की सीट स्वीकृत है.

आदिम-जाति कल्याण विभाग द्वारा प्रत्येक विद्यालय के लिए 15 करोड़ रुपये की लागत के भवन भी स्वीकृत किए गए हैं.

विशेष पिछड़ी जनजाति की गैर-आवासीय संस्थाओं में पांचवीं, आठवीं, नौवीं एवं 12वीं कक्षाओं में छात्रओं की उपस्थिति नियमित करने के उद्देश्य से उपस्थिति के आधार पर उनके परिजन को क्षतिपूर्ति भत्ते की राशि भी दी जाती है. पिछले वर्ष 27 हजार 129 बालिकाओं के परिजन को नौ करोड़ छह लाख रुपये की राशि मुहैया कराई गई है.

Next Article

Exit mobile version