नयी दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तीखी आलोचना के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दोषी जनप्रतिनिधियों पर विवादास्पद अध्यादेश को लेकर बढ़ते दबाव के बीच इस अध्यादेश को तथा इससे संबंधित एक विधेयक को भी आज वापस लेने का फैसला किया. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में करीब 20 मिनट चली बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपने ही 24 सितंबर के निर्णय को बदल दिया जिसमें दोषी सांसदों-विधायकों को तत्काल सदस्यता समाप्त होने से संरक्षण प्रदान किया गया था.
मंत्रिमंडल के फैसले में इस बदलाव को सरकार को अपना निर्णय बदलने के लिए मजबूर होने के दुर्लभ वाकये के तौर पर देखा जा रहा है. इससे पहले सत्तारुढ़ पार्टी और मंत्रिपरिषद में विरोध के स्वर के बीच विचार विमर्श के बाद अध्यादेश को मंजूरी दी गयी थी. मंत्रिमंडल का यह फैसला राहुल गांधी द्वारा अध्यादेश को ‘पूरी तरह बकवास’ करार दिये जाने के बाद उठे विवाद को समाप्त करने के लिए आज कांग्रेस पार्टी, सहयोगी दलों और सरकार में सर्वोच्च स्तर पर दिन भर हुई माथापच्ची के बाद आया.