नयी दिल्ली :कांग्रेस नेता रणदीप सूरजेवाला ने एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि कांगेस पार्टी बहादुर पत्रकार अक्षय के मृत्यु से दुखी है. रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि 45 मौतों की सच्चाई सामने आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होना चाहिए. कांग्रेस पार्टी का एकमात्र लक्ष्य है सच्चाई सामने आनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि SIT और STF भी व्यापमं की परतें खोल नहीं पायी. उन्होंने कहा शिवराज सिंह चौहान मूकदर्शक बने हुए हैं . सुरजेवाला ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से, भारतीय जनता पार्टी से यह पूछना चाहता हूं कि अगर उनके मन में कोई शंका नहीं है, यदि उनके पास छुपाने लायक कुछ नहीं है तो वह जांच से क्यों गुरेज करती रही है.
उधर पत्रकार अक्षय सिंह की मौत के बाद आम आदमी पार्टी ने भी शिवराज सरकार पर हमलावर बोला है. पार्टी के नेता संजय सिंह ने ट्वीट कर शिवराज को यमराज की संज्ञा दी है. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘शिवराज या यमराज: व्यापम घोटाले में CM से लेकर राज्यपाल तक संदेह के घेरे में, 43 लोग अपनी जान गंवा चुके. ये क्या हो रहा?’
शिवराज या यमराज:व्यापम घोटाले में CM से लेकर राज्यपाल तक संदेह के घेरे में 43 लोग अपनी जान गँवा चुके।ये क्या हो रहा? pic.twitter.com/kDx69OzbAj
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 5, 2015
इस बड़े भर्ती घोटाले में कई अधिकारियों और राजनेताओं के नाम सामने आ रहे हैं. विपक्षी दल कांग्रेस पहले से ही हमलावर था और मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग कर रहा था.इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि व्यापमं मामले की जांच की निगरानी कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को राज्य सरकार टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की मृत्यु की जांच करने के लिए लिख रही है.
चौहान ने आज यहां अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा कि टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की मौत दुर्भाग्यजनक है और इससे मुझे दुख हुआ है. मैं दुख की इस घडी में उनके परिवार के साथ हूं और उनकी मौत की जांच के लिए वह एसआईटी को लिखेंगे.
उन्होंने कहा कि अगर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय इस घोटाले की जांच सीबीआई सहित किसी और एजेंसी से कराना चाहता है, तो उनकी सरकार को कोई आपत्ति नहीं होगी गौरतलब है कि कांग्रेस अन्य एजेंसी से इस घोटाले की जांच कराने की मांग कर रही है.मुख्यमंत्री ने सिंह की मौत के वक्त के घटनाक्रम को विस्तार से बताते हुए कहा कि उनके शव का पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी के साथ डॉक्टरों की एक टीम ने किया था.
उन्होने कहा, यह मैं ही था, जिसने व्यापमं मामला सामने आने के बाद इसकी जांच विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को सौंपी थी. इसके बाद जब कुछ याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, तो उसने (अदालत ने) खुद जांच की निगरानी का फैसला लिया.
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में उनकी सरकार में शामिल लोगों की संलिप्तता के लग रहे आरोपों पर सफाई देते हुए चौहान ने कहा कि मामले की जांच पर उनकी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, क्योंकि यह सीधे तौर पर उच्च न्यायालय की निगरानी में की जा रही है और यह निगरानी वह (अदालत) हर सप्ताह करती है.