व्यापम घोटाला : 48 घंटे में तीसरी मौत, ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अनामिका की तालाब में डूबने से मौत
भोपाल : मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाला से जुड़े लोगों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस कड़ी में अब अनामिका कुशवाहा का भी नाम शामिल हो गया. अनामिका मध्यप्रदेश के भींड की रहने वाली थी. सागर की पुलिस अकादमी में वह सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग ले रही थी. उनकी भी […]
भोपाल : मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाला से जुड़े लोगों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस कड़ी में अब अनामिका कुशवाहा का भी नाम शामिल हो गया. अनामिका मध्यप्रदेश के भींड की रहने वाली थी. सागर की पुलिस अकादमी में वह सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग ले रही थी. उनकी भी नियुक्ति व्यापम के जरिये हुई थी.
कहा जा रहा है अनामिका ने सागर के पुलिस अकादमी में ही एक तालाब मे कूदकर अपनी जान दे दी. अनामिका की मौत अब यह सवाल और गंभीर हो गया है कि क्या व्यापम घोटाला अब मौत के घोटाले में बदल रहा है. आखिर इस तरह अचानक होने वाली मौत पर लगाम कैसे लगायी जाए. राज्य के गृह मंत्री बाबूलाल गौर पहले ही इस संबंध में बयान दे दिया है कि मौत पर किसी का नियंत्रण नहीं है राजा हो या फकीर सबको एक दिन जाना है. लेकिन इस मामले से जुड़े लगभग 40 से ज्यादा लोगों की मौत पर गृहमंत्री का बयान बेतूका लगता है.
गौरतलब है कि इससे पहले एक निजी न्यूज चैनल के पत्रकार अक्षय सिंह की मौत ने राज्य सरकार को अचानक हो रही मौत पर सोचने का मजबूर कर दिया. लेकिन अक्षय की मौत के 48 घंटे के बाद ही एक नौजवान युवती की मौत इस पूरे घोटाले पर संदेह की लकीर खींच रही है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं लेकिन राज्य सरकार एसआईटी का गठन करके सीबीआई जांच से अपने हाथ पीछे खींच रही है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का इस पूरे मामले की जांच पर अपना तर्क है. उनका कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश से एसआईटी का गठन किया है और एसआईटी पूरे मामले की ठीक से जांच कर ही है इसलिए सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है. गौरतलब है कि व्यापम घोटले में कई बड़े मंत्री और अधिकारियों के नाम शामिल हैं.
अनामिक की मौत से सवाल यह भी उठ रहा है कि इंस्पेक्टर को तैरने की ट्रेनिंग दी जाती है, तो फिर वह पानी में डूब कर कैसे मर सकती है?