2जी मामला: प्रवर्तन निदेशालय के वकील की जिम्मेदारी से हटाए गए वेणुगोपाल
नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के 2जी मामले में मनी लांड्रिंग जांच में नया मोड आ गया है. सरकार ने जांच एजेंसी से उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल को बहुचर्चित मामले में अपने विशेष अधिवक्ता पद से हटाने को कहा है. वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने इस आशय का आदेश जारी किया. […]
नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के 2जी मामले में मनी लांड्रिंग जांच में नया मोड आ गया है. सरकार ने जांच एजेंसी से उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल को बहुचर्चित मामले में अपने विशेष अधिवक्ता पद से हटाने को कहा है.
वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने इस आशय का आदेश जारी किया. उन्हें जांच एजेंसी ईडी या राजस्व विभाग से परामर्श किये बिना राजेश्वर सिंह की तरफ से 2014 में एक ‘नोट प्रस्तुत करने’ पर हटाया गया है. इसमें वेणुगोपाल को ‘तत्काल’ हटाने को कहा गया है.
राजेश्वर सिंह 2जी मनी लांड्रिंग जांच मामले में मुख्य जांच अधिकारी हैं. उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में पिछले साल सरकार की कडी खिंचाई की थी और उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी सिंह को ईडी में उप निदेशक पद पर स्थायी रुप से रखे जाने का आदेश दिया था.
वित्त मंत्रालय की इच्छा थी कि सिंह को उनके कैडर में वापस भेज दिया जाए क्योंकि जांच एजेंसी में उनकी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति समाप्त होने वाली थी. ईडी वित्त मंत्रालय के अधीन काम करता है.
इस साल पद्म विभूषण से सम्मानित वरिष्ठ अधिवक्ता ने उस समय शीर्ष अदालत से सिंह के मामले से संबद्ध विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के सिंह को स्थायी रुप से ईडी में रखे जाने के आदेश के बारे में भी जानकारी दी थी.
इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने सरकार को कडा निर्देश जारी करते हुए सिंह को स्थायी रुप से ईडी में शामिल करने का निर्देश दिया था.