मुंबई : महाराष्ट्र के भंडारा और गोंडिया जिले में हाल ही में हुए जिला परिषद चुनाव से इस बात के संकेत मिले हैं कि मतदाताओं के बीच भाजपा की जमीन खिसक रही है, जबकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने वाली कांग्रेस और राकांपा की स्थिति में सुधार हुआ है.
गोंडिया जिला परिषद के चुनाव में शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा सबसे मजबूत पार्टी रही.उसने 20 सीटें जीतीं तो कांग्रेस को 16 सीटें हासिल हुईं. इस जिले में राकांपा को सात और कांगे्रस को छह सीटों का फायदा हुआ है. साल 2010 के चुनाव में राकांपा को 53 में से 13 और कांग्रेस को 10 सीटें मिली थी.
भाजपा की सीटों की संख्या 27 से घटकर 17 हो गई है. शिवसेना का इस बार गोंडिया के जिला परिषद चुनाव में खाता भी नहीं खुला है. साल 2010 के चुनाव में उसे एक सीट मिली थी. भंडारा के जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस को 52 में से 19 सीटें हासिल हुई हैं. साल 2010 के चुनाव में उसको 11 सीटें मिली थीं. पिछली बार पांच सीटें जीतने वाली राकांपा को इस बार 15 सीटें मिली हैं. इस जिले में भाजपा को 12 सीटों का नुकसान हुआ है. पांच साल पहले उसे 25 सीटें मिली थी तो इस बार उसे सिर्फ 13 उम्मीदवार ही जीत पाये.
पिछली बार दो सीट जीतने वाली शिवसेना को इस बार एक सीट भी नहीं मिली है. महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण भाजपा-शिवसेना गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहते है कि हम निरंतर मांग करते आ रहे हैं कि सरकार किसानों के कर्ज माफ करे, लेकिन यह सरकार किसानों के खिलाफ काम कर रही है. भंडारा और गोंडिया के जिला परिषद चुनाव से सत्तरुढ भाजपा के खिलाफ आक्रोश का पता चलता है और यह भाजपा के पतन की शुरुआत भर है.