भोपाल : आखिरकार ना-ना करते मध्यप्रदेश सरकार व्यापमं घोटाले की सीबीआइ जांच के लिए राजी हो गयी. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज एक प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि वे हाइकोर्ट से आग्रह करेंगे कि इस घोटाले की सीबीआइ जांच हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए वे एक अनुरोध पत्र मध्यप्रदेश हाइकोर्ट को भेज रहे हैं. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज भर जग कर सोचने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है.उल्लेखनीय है कि इस मामले में लगातार हो रही रहस्यमय मौतों के बाद विपक्ष लगातार इसकी सीबीआइ जांच की मांग कर रहा था.
शिवराज ने कहा, इस घोटाले को लेकर जनता के मन में भी सवाल खड़े हो रहे हैं, सभी यह सवाल कर रहे हैं कि इस मामले की सीबीआई जांच क्यों नहीं करायी जा रही है? ऐसे में यह जरूरी है कि मामले की सीबीआई जांच हो. लोकतंत्र का तकाजा है कि इस तरह के प्रश्नों का साफ जवाब मिलना चाहिए. अबतक के जो जांच हुए उसका सम्मान करते हुए मैं सीबीआई जांच की मांग करता हूं.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, कांग्रेस शासन के दौरान नियुक्ति की कोई प्रकिया नहीं थी हमने इस प्रक्रिया को बनाकर ठीक ढंग से नियुक्ति की कोशिश की लेकिन जब इसमें घोटाले की खबर सुनी तो अंदर तक हिल गया. मैं कल रात भर जागता रहा और पूरे मामले पर सोचता रहा. मैंने तय किया कि अब बहुत हो गया इसके लिए मैं हाईकोर्ट को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की अनुमति देने का आग्रह करूंगा.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस द्वारा इस मामले में जो भी रुख अख्तियार किया गया है उससे पता चलता है कि उनका इस घोटाले से कोई सरोकार नहीं है उनका एक मात्र उद्देश्य मुझे घेरने और मुझ पर आरोप लगाने की की है. पत्रकारों ने जब पूछा कि क्या इस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में कोई बात हुई है तो उन्होंने कहा नहीं.
शिवराज सिंह ने कांग्रेस के आरोपों पर कोई जवाब देने से इनकार कर दिया. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने इस मामले पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कहा, कि देर आये दुरुस्त आये. कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान के इस फैसले का स्वागत किया, वही भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पहले से इस मामले की निष्पक्ष जांच का उद्देश्य रहा है