नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने भारत के खिलाफ जंग छेड़ने के आरोप में 1998 में अब्दुल करीम टुंडा और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज मामले के सिलसिले में लश्कर ए तैयबा के बम विशेषज्ञ टुंडा की हिरासत के लिए आज हैदराबाद पुलिस की याचिका मंजूर कर ली. टुंडा से जुड़े अनेक मामलों की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने कहा कि उन्हें हैदराबाद पुलिस के आवेदन पर कोई आपत्ति नहीं है जिसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने याचिका को मंजूर कर लिया.
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हैदराबाद पुलिस के इसंपेक्टर बी के राव के आवेदन को मंजूर किया जाता है. तिहाड़ जेल के अधीक्षक को निर्देश दिया जाता है कि आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को उचित सत्यापन के बाद कल बी के राव और उनकी टीम की हिरासत में सुपुर्द किया जाए ताकि हैदराबाद पुलिस के अधिकारी आरोपियों को विशेष अदालत हैदराबाद में पेश कर सकें.’’ हैदराबाद पुलिस के विशेष जांच दल ने 1 अक्तूबर को अदालत से गुहार लगाई थी कि टुंडा को उनकी हिरासत में भेजा जाए. इससे पहले 1997 के एक बम विस्फोट के मामले में यहां उसके खिलाफ दर्ज प्रकरण के सिलसिले में उसे 15 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.
टुंडा के वकील एम एस खान ने सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि हैदराबाद पुलिस को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे वहां हिरासत में टुंडा से पूछताछ के बाद उसे यहां पेश करें और आरोपी को रिमांड के दौरान आवश्यक दवाएं लेने दी जाएं.
अदालत ने राव से इस बारे में पूछा और राव ने कहा कि वे टुंडा से हिरासत में पूछताछ के बाद उसे यहां पेश करेंगे. राव ने अदालत को यह भी बताया कि वे टुंडा को हवाई मार्ग से हैदराबाद ले जाएंगे. हैदराबाद पुलिस ने टुंडा की हिरासत की मांग करते हुए कहा था कि हैदराबाद के नामपल्ली की एक अदालत ने उसके खिलाफ दर्ज मामले में एक पेशी वारंट जारी किया है.
हैदराबाद पुलिस ने बताया कि 2 जुलाई, 1998 को एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था. शिकायत में कहा गया था कि सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए, भारत में अशांति पैदा करने, भारत की आंतरिक सुरक्षा और हिंदुओं को नुकसान पहुंचाने तथा बड़े स्तर पर उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए आईएसआई की गतिविधियां चल रहीं हैं.
पुलिस ने कहा था कि आईपीसी, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक तत्व अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी कानून की अनेक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. हैदराबाद पुलिस के अनुसार 29 आरोपियों में से 17 को गिरफ्तार कर लिया गया है वहीं टुंडा समेत 12 आरोपी फरार आरोपियों की सूची में थे. 70 वर्षीय टुंडा को 16 अगस्त को भारत-नेपाल सीमा पर एक स्थान से गिरफ्तार किया गया था.