भारत-पाकिस्तान ने तोडा गतिरोध : दक्षेस सम्मेलन के लिए पाकिस्तान जाएंगे पीएम मोदी

उफा,रुस: भारत और पाकिस्तान ने गतिरोध तोडते हुए रुकी हुई वार्ता प्रक्रिया बहाल करने तथा मुंबई आतंकी हमले से जुडे मुकदमे की कार्यवाही तेज करने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के उनके समकक्ष नवाज शरीफ के बीच आज इस बारे में महत्वपूर्ण चर्चा हुई. बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2015 8:57 PM

उफा,रुस: भारत और पाकिस्तान ने गतिरोध तोडते हुए रुकी हुई वार्ता प्रक्रिया बहाल करने तथा मुंबई आतंकी हमले से जुडे मुकदमे की कार्यवाही तेज करने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के उनके समकक्ष नवाज शरीफ के बीच आज इस बारे में महत्वपूर्ण चर्चा हुई. बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में कश्मीर मुद्दे का जिक्र नहीं होने के कारण पाकिस्तान में शरीफ को आलोचनाओं का सामना करना पडा.

इस बीच शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ने आज भारत को पूर्ण सदस्य के रुप में शामिल करने का निर्णय किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आभार व्यक्त करते हुए छह देशों वाले इस संगठन से कनेक्टिविटी बढाने, आतंकवाद से लडने और बाधाओं को दूर कर कारोबार अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में काम करने की पेशकश की. उन्होंने पाकिस्तान को भी इस संगठन का सदस्य बनाए जाने पर उसे बधाई दी.

पिछले 10 साल से इस संगठन में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त भारत कुछ प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद तकनीकी रुप से अगले साल इसका पूर्ण सदस्य बन जाएगा. बीजिंग आधारित एससीओ के अभी चीन, रुस, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान सदस्य हैं.

एससीओ की शिखर बैठक से पहले भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत में मोदी ने अगले वर्ष पाकिस्तान में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन में आने का शरीफ का न्यौता स्वीकार कर लिया. लगभग एक साल में पहली भारत.पाक द्विपक्षीय वार्ता उफा के कांग्रेस हाल में करीब घंटा भर चली. दोनों नेता शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर मिले और तय किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल एवं पाकिस्तानी एनएसए सरताज अजीज नई दिल्ली में या तो अगले महीने या फिर सितंबर में मुलाकात करेंगे. ये मुलाकात आतंकवाद से जुडे सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए होगी.

सूत्रों ने बताया कि ये फैसला महत्वपूर्ण है क्योंकि अजीज का पाकिस्तान में काफी सम्मान है और पाकिस्तानी सेना भी उन पर भरोसा करती है. इस कार्य के लिए वह सही व्यक्ति हैं. मोदी और शरीफ के बीच बातचीत में मुख्य रुप से आतंकवाद पर चर्चा हुई. भारत-पाक के बीच संबंधों के लिहाज से आतंकवाद के मुद्दे को भारत अहम मुद्दा मानता है.

मोदी और शरीफ ने पिछले साल नई दिल्ली में मई में द्विपक्षीय वार्ता की थी, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आये थे. उसके बाद पिछले साल नवंबर में दोनों नेताओं की मुलाकात काठमांडो में दक्षेस शिखर सम्मेलन के दौरान हुई. दोनों के बीच उस समय दुआ सलाम ही हुई.

मोदी और शरीफ की बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया. पांच सूत्री रोडमैप दर्शाते एक पृष्ठ के इस बयान में कहा गया, ‘‘दोनों पक्ष मुंबई हमले से जुडे :पाकिस्तान में चल रहे: मुकदमे की कार्यवाही तेज करने के तौर तरीकों पर चर्चा को सहमत हो गये. इसमें ‘आवाज के नमूने’ मुहैया कराने जैसी अतिरिक्त सूचनाएं शामिल हैं.’’ मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के पाकिस्तान की अदालत में चल रहे मुकदमे की कार्यवाही लगभग नहीं के बराबर चलने से भारत काफी नाराज था. हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर ए तय्यबा के कमांडर जकी उर रहमान लखवी को अदालत द्वारा रिहा करने का भी भारत ने कडा विरोध किया. पाकिस्तानी सरकार की ओर से अपेक्षित सबूत नहीं पेश नहीं करने के कारण लखवी अदालत से रिहा हो गया.

संयुक्त बयान में कई फैसलों की जानकारी भी है, जिसमें सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और उनके पाकिस्तानी रेंजर्स के समकक्ष के बीच जल्द बैठक तथा उसके बाद सैन्य आपरेशन महानिदेशकों की बैठक का फैसला शामिल है.दिलचस्प बात यह रही कि संयुक्त बयान में और विदेश सचिव एस जयशंकर और ऐजाज अहमद चौधरी :पाकिस्तानी विदेश सचिव: के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कश्मीर का कहीं कोई जिक्र नहीं आया.

पाकिस्तान में शुरुआत में तो मोदी और शरीफ की मुलाकात का स्वागत किया गया लेकिन संयुक्त बयान में कश्मीर मुद्दे का जिक्र नहीं होने को लेकर नेताओं और मीडिया ने सरकार की आलोचना की. मोदी ने दक्षेस शिखर सम्मेलन के लिए 2016 में पाकिस्तान आने का शरीफ का न्यौता स्वीकार कर लिया. पिछले 12 साल में मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे जो पाकिस्तान यात्र पर जाएंगे. इससे पहले जनवरी 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान यात्रा पर गये थे.

बयान में कहा गया कि मोदी और शरीफ इस बात पर भी सहमत हुए कि शांति सुनिश्चित करना और विकास को प्रोत्साहित करना भारत और पाकिस्तान की संयुक्त जिम्मेदारी है. ऐसा करने के लिए वे सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा को तैयार हैं. बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने आतंकवाद की उसके ‘सभी स्वरुपों में’ निन्दा की और इस बात पर सहमत हुए कि दक्षिण एशिया से इस खतरे को समाप्त करने के लिए वे एक दूसरे का सहयोग करेंगे.

अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर शांति कायम करने से सहमत दोनों पक्ष इस बात पर भी राजी हुए कि सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और पाकिस्तानी रेंजर्स के महानिदेशको के बीच जल्द बैठक होनी चाहिए और उसके बाद दोनों देशों के सैन्य परिचालन महानिदेशकों के बीच बैठक होनी चाहिए. जयशंकर और चौधरी ने बारी बारी से बयान पढा और स्पष्ट कर दिया कि इस बारे में कोई सवाल नहीं होगा. इसके बाद दोनों संवाददाता सम्मेलन से चले गये.

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान तहरीक ए इन्साफ के नेता शाह महमूद कुरेशी ने पाकिस्तानी मीडिया से कहा कि संयुक्त बयान में कश्मीर का जिक्र होना चाहिए था. ‘‘हैरत की बात है कि बयान में कश्मीर नहीं है.’’ सीनेटर सहर कामरान ने भी संयुक्त बयान की निन्दा की. कामरान सेंटर फार पाकिस्तान एंड गल्फ स्टडीज के प्रमुख हैं.

भारत और पाकिस्तान ने एक बडे मानवीय मुद्दे का समाधान करते हुए एक दूसरे की हिरासत में लिये गये मछुआरों को 15 दिन के भीतर रिहा करने पर भी सहमति व्यक्त की. मछुआरों के साथ उनकी नौकाएं भी छोड दी जाएंगी.दोनों पक्षों ने जिस ताजा सूची का आदान प्रदान किया, उसके मुताबिक 355 भारतीय मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में और 27 पाकिस्तानी मछुआरे भारतीय जेलों में बंद हैं. दोनों पक्षों ने ये भी तय किया कि धार्मिक पर्यटन को बढावा देने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा.

भारतीय पक्ष ने यह कहते हुए शरीफ की सराहना की कि उन्होंने एक ‘राजनेता’ की तरह रुख अपनाया, जो द्विपक्षीय संबंधों को प्रोत्साहित करने के लिहाज से अच्छा है. जब पूछा गया कि आज के घटनाक्रम से खुश हैं, तो शरीफ का जवाब था, ‘‘हां’’. इस बीच पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस्लामाबाद में कहा कि मोदी और शरीफ के बीच बैठक सकारात्मक घटनाक्रम है.

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी पाकिस्तान और भारत के बीच रिश्ते सुधरने में दिलचस्पी रखता है क्योंकि इससे ना सिर्फ दोनों देशों बल्कि समूचे क्षेत्र की जनता को लाभ होगा. गहरे सलेटी बंदगले का कोट पहने मोदी की शरीफ ने अगवानी की और दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और बातचीत शुरु करने से पहले फोटो खिंचवाये.

बयान में कहा गया कि बैठक सद्भावपूर्ण माहौल में हुई. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय हितों के मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया. ब्रिक्स शिखर बैठक, एससीओ की बैठक और नवाज शरीफ से मुलाकात जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं वाला रुस का अपना तीन दिवसीय दौरा समाप्त कर मोदी यहां से अपने अगले यात्र पडाव तुर्कमेनिस्तान के लिए रवाना हो गए.

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