आडवाणी का मुझे श्रेय देना महज अटकलबाजी : प्रणब

विशेष विमान से: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दागी नेताओं से संबंधित अध्यादेश वापस लिए जाने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा उन्हें श्रेय दिए जाने को अटकलबाजी करार दिया और कहा कि उनका इस घटनाक्रम से कोई लेना देना नहीं है. बेल्जियम और तुर्की की यात्रा के दूसरे चरण में विशेष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2013 8:07 PM

विशेष विमान से: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दागी नेताओं से संबंधित अध्यादेश वापस लिए जाने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा उन्हें श्रेय दिए जाने को अटकलबाजी करार दिया और कहा कि उनका इस घटनाक्रम से कोई लेना देना नहीं है. बेल्जियम और तुर्की की यात्रा के दूसरे चरण में विशेष विमान पर उनके साथ यात्रा कर रहे संवाददाताओं से राष्ट्रपति ने आज कहा, ‘‘मैं विपक्ष के विचारों पर टिप्पणी नहीं कर सकता. जिसने भी मुझसे मुलाकात का वक्त मांगा, मैंने दिया. भाजना नेताओं ने मुझसे भेंट की, आम आदमी पार्टी ने मुझसे मुलाकात की. मुझे (अध्यादेश के विरुद्ध) विभिन्न अभिवेदन प्राप्त हुए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री के साथ चर्चा की और जो कुछ भी हुआ आप सभी जानते हैं. मंत्रिमंडल ही अध्यादेश का जन्मदाता था.’’उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने अपनी बुद्धिमता के आधार पर दो अक्तूबर को हुई बैठक में अध्यादेश को वापस लेने का फैसला किया.प्रणब ने कहा, ‘‘यही सच है. इसके बीच में कौन जिम्मेदार है, कैसे जिम्मेदार है और किस हद तक जिम्मेदार है, यह सब सिर्फ लोगों की अटकलें हैं. मेरा उससे कोई लेना देना नहीं है.’’ आडवाणी ने कल अध्यादेश वापस लिए जाने का श्रेय राष्ट्रपति को देते हुए प्रधानमंत्री तथा संप्रग के अधिकारों पर अपने कड़े शब्दों से पानी फेरने के लिए राहुल गांधी की आलोचना की थी. आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर लिखा, ‘‘इस अवैध और अनैतिक अध्यादेश को वापस लिए जाने पर देश की जो जीत हुई है उसके लिए सिर्फ राष्ट्रपति ही बधाई के पात्र हैं और यदि संप्रग यह समझ रही है कि इस शीर्ष पद को संभालने वाले पूर्ववर्ती कांग्रेस सदस्यों की भांति वह :प्रणब: भी महज रबड़ स्टांप साबित होंगे तो यह उसकी भारी भूल होगी.’’

बेल्जियम के राजा फिलिप द्वारा स्वयं को ‘भारत में सहमति बनाने वाला’ कहे जाने को राष्ट्रपति में मजाक में लेने हुए कहा कि टिप्पणी में कोई छुपा हुआ अर्थ नहीं था. यह पूछने पर कि क्या राजा की टिप्पणी वर्ष 2014 के आम चुनाव के बाद उनकी भूमिका को लेकर थी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, ‘‘राजा फिलिप ने जो कहा वह सदन (लोकसभा) में गठबंधन के नेता की मेरी पूर्ववर्ती भूमिका के संबंध में था और उससे ज्यादा कुछ नहीं.’’बेल्जियम की चार दिन की यात्रा के बाद अपने दौरे के दूसरे चरण में राष्ट्रपति आज तुर्की पहुंचे. बेल्जियम में उन्होंने विभिन्न राजकीय समारोहों में हिस्सा लिया और शीर्ष नेताओं से बातचीत की.’’ असैन्य परमाणु सहयोग हासिल करने की भारत की कोशिशों का समर्थन करने के लिए राष्ट्रपति ने बेल्जियम की तारीफ की.

प्रणब ने कहा, ‘‘बेल्जियम में कुछ विशिष्टताएं हैं. भारत द्वारा अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु समझौता करने के लिए उसका समर्थन करने वाला पहला राष्ट्र बेल्जियम था और यही तथ्य उसके सहयोग को दिखाता है.’’ ब्रसेल्स में हुई द्विपक्षीय वार्ता पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में प्रणब ने कहा कि उनकी वार्ता में आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा हुई और उसकी ‘आलोचना’ की गई. उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी जानते हैं कि सभी यूरोपीय देशों ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं और हमारी द्विपक्षीय वार्ता के दौरान सभी ने आतंकवाद की आलोचना की.’’ विभिन्न समारोहों में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति सात अक्तूबर तक तुर्की में रहेंगे. वह तुर्की के राष्ट्रपति के निमंत्रण पर वहां पहुंचे हैं.

Next Article

Exit mobile version