भोपाल : व्यापमं घोटाले की जांच अब सीबीआई करेगी लेकिन इस मामले को लेकर एक नया खुलासा हुआ है. एक अंग्रेजी अखबार ने व्हिसिल ब्लोअर आशीष चर्तुवेदी के हवाले से खुलासा किया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर इस पूरे मामले पर जानकारी छुपायी और विधानसभा में गलत बयान दिया. चौहान ने विधानसभा में 23 फरवरी 2012 को व्यापमं में मेडिकल की परीक्षा में हुई घोटालेबाजी के जवाब में कहा, छात्रों के हस्ताक्षर और फोटोग्राफ की सत्यता की जांच के लिए अपने राज्य में जांच के बाद सेंट्रल फोरेंसिंक लैब हैदराबाद और चंडीगढ़ भेज दिया गया है.
इस संबंध में जब व्हिसिल ब्लोअर आशीष चर्तुवेदी ने आरटीआई के जरिये 2012 में जानकारी मांगी तो पता चला कि इन दोनों लैब में इस तरह की जांच के लिए कुछ नहीं भेजा गया. आरटीआई में जवाब मिला हमारे रिकार्ड के आधार पर हमें कोई दस्तावेज जांच के लिए नहीं दिए गये. दोनों जांच केंद्रों से आशीष को यही जवाब दिए गये.
इस पूरे मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के नेता जी. वी. एल नरसिम्हा ने कहा, कांग्रेस पुराने मामले उठा रही है. अगर कांग्रेस को इसमें कुछ गलत लगता है तो वह इस मामले को विधानसभा में उठा सकती है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गलत जानकारी देकर पूरे सदन को गुमराह करने की कोशिश की है. उन्होंने विधानसभा में 2011 में कहा था कि 2007 और 2010 के बीच इस परीक्षा में घोटाला करने वालों की पहचान कर ली गयी है.
लेकिन 19 नवंबर 2009 में एमपी नगर पुलिस ने जो एफआईआर रजिस्टर्ड किये गये थे उनमें से 9 गलत निकले. शिवराज सिंह चौहान सदन को पिछले एक साल से ज्यादा से गुमराह कर रहे हैं.