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जानिए नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ की मुलाकात की कुछ खास बातें

उफा/ नयी दिल्ली : भारत-पाकिस्तान रिश्तों में थोड़ी मिठास उस वक्त आयी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच रूस के उफा में शांतिपूर्ण माहौल में बातचीत हुई. दोनों नेता जहां द्विपक्षीय स्तर पर रुकी वार्ता प्रक्रिया को नये सिरे से शुरू करने पर सहमत हुए. वहीं, मुंबई आतंकी हमलों […]

उफा/ नयी दिल्ली : भारत-पाकिस्तान रिश्तों में थोड़ी मिठास उस वक्त आयी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच रूस के उफा में शांतिपूर्ण माहौल में बातचीत हुई. दोनों नेता जहां द्विपक्षीय स्तर पर रुकी वार्ता प्रक्रिया को नये सिरे से शुरू करने पर सहमत हुए. वहीं, मुंबई आतंकी हमलों के मुकदमों को तेज करने के लिए रास्ता तलाशने का निर्णय किया.

इस वार्ता की खास बात यह रही कि शरीफ ने मोदी को पाकिस्तान आने की दावत दी जिसे उन्होंने कबूल करते हुए शुक्रिया अदा किया. अब अगले साल प्रधानमंत्री मोदी सार्क शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पड़ोसी देश जायेंगे. शंघई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक से इतर हुई यह मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली. बाद में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत विदेश सचिव एस जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन बुलाया और उसमें संयुक्त बयान को पढ़ा.

इस दोतरफा वार्ता में लगभग सभी मुद्दों पर बातचीत हुई, सिवाय कश्मीर के. दोनों नेता दक्षिण एशिया से आतंकवाद को समाप्त करने में एक-दूसरे को सहयोग करने पर सहमत हुए. दोनों देश मुंबई के 26/11 हमलों के आरोपियों के वॉयस सैंपल साझा करने पर भी सहमत हुए. इसके साथ ही आतंकवाद पर पर दोनों देश हर स्तर वार्ता करेंगे. बीएसएफ के डीजी और पाकिस्तान रैंजर्स के बीच भी वार्ता होगी. इस मुलाकात में हाफिज सईद और लखवी पर भी बातचीत हुई.

भारत ने इस संबंध में अपनी चिंताओं से पड़ोसी को अवगत कराया. इससे पहले दोनों नेताओं ने गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाकर एक-दूसरे का अभिवादन किया और चंद मिनटों की औपचारिकताओं के बाद बातचीत शुरू की. भारत की ओर से प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और विदेश सचिव एस जयशंकर शामिल थे. वहीं, पाक की ओर से विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज शामिल थे.

तब सिर्फ दुआ-सलाम

मोदी और शरीफ पिछले साल मई में नयी दिल्ली में मिले थे, जब मोदी के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में शरीफ शामिल होने आये थे. पिछले ही साल नवंबर में काठमांडू में दक्षेस शिखर सम्मेलन के दौरान भी दोनों नेता आमने-सामने हुए, लेकिन केवल दुआ सलाम हुई. दोनों देशों के विदेश सचिवों की पिछले साल अगस्त में इसलामाबाद में बैठक होने वाली थी, लेकिन भारत ने वार्ता रद्द कर दी. विदेश सचिव स्तर की वार्ता से पहले नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्त के कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से मुलाकात करने के विरोधस्वरूप भारत ने ये वार्ता रद्द की थी.

एक महत्वपूर्ण निर्णय

दोनों देशों ने तय किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और पाकिस्तानी एनएसए सरताज अजीज अगले महीने या फिर सितंबर में नयी दिल्ली में मुलाकात कर आतंकवाद से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे. यह फैसला महत्वपूर्ण है, क्योंकि अजीज पाकिस्तान के सम्मानित व्यक्ति हैं, जिन पर पाकिस्तान की सेना भरोसा करती है. इस कार्य के लिए वह सही व्यक्ति हैं.

12 साल बाद

पिछले 12 साल में मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे जो पाकिस्तान यात्रा पर जायेंगे. इससे पहले जनवरी 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान यात्रा पर गये थे.

बारी-बारी से पढ़ा गया संयुक्त बयान, जानें क्या है खास

पांच सूत्री रोडमैप

दोनों नेताओं की बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया. विदेश सचिव एस जयशंकर और ऐजाज अहमद चौधरी (पाकिस्तानी विदेश सचिव) ने बारी -बारी से संयुक्त बयान पढ़ा. स्पष्ट किया कि इस बारे में कोई सवाल नहीं होगा. इसके बाद दोनों संवाददाता सम्मेलन से चले गये. पांच सूत्री रोडमैप दर्शाते एक पृष्ठ के इस बयान में कहा गया कि दोनों देश मुंबई हमले से जुड़े (पाकिस्तान में चल रहे) मुकदमे की कार्यवाही तेज करने के तौर तरीकों पर चर्चा को सहमत हो गये. मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के पाकिस्तान की अदालत में चल रहे मुकदमे की कार्यवाही लगभग नहीं के बराबर चलने से भारत काफी नाराज था. हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर- ए -तय्यबा के कमांडर जकी उर रहमान लखवी को अदालत द्वारा रिहा करने का भी भारत ने कड़ा विरोध किया.

कश्मीर का जिक्र नहीं

संयुक्त बयान में कई फैसलों की जानकारी भी है, जिसमें सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और उनके पाकिस्तानी रेंजर्स के समकक्ष के बीच जल्द बैठक और उसके बाद सैन्य ऑपरेशन महानिदेशकों की बैठक का फैसला शामिल है. दिलचस्प बात है कि संयुक्त बयान में कश्मीर का कहीं कोई जिक्र नहीं है. हालांकि, दोनों इस बात पर सहमत हुए कि शांति सुनिश्चित करना व विकास को प्रोत्साहित करना संयुक्त जिम्मेदारी है. ऐसा करने के लिए वे सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा को तैयार हैं. दोनों ने आतंकवाद की उसके ‘सभी स्वरूपों में’ निंदा की. इस बात पर सहमत हुए कि दक्षिण एशिया से इस खतरे को समाप्त करने के लिए वे एक-दूसरे का सहयोग करेंगे.

सीमा पर बहाल करेंगे शांति

अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर शांति कायम करने पर सहमत दोनों पक्ष इस बात पर भी राजी हुए कि सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और पाकिस्तानी रेंजर्स के महानिदेशकों के बीच जल्द बैठक हो. उसके बाद दोनों देशों के सैन्य परिचालन महानिदेशकों के बीच बैठक हो. दोनों पक्षों ने एक -दूसरे की हिरासत में लिए गये मछुआरों को 15 दिन के भीतर रिहा करने पर भी सहमति व्यक्त की. मछुआरों के साथ उनकी नौकाएं भी छोड़ दी जायेंगी.

मुद्दे जिन पर सहमति बनी

दोनों पक्ष सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा को तैयार

रुकी हुई वार्ता प्रक्रिया फिर से होगी बहाल

मुंबई आतंकी हमले से संबंधित मुकदमे में तेजी लाने का निर्णय

दिल्ली में मिलेंगे भारत-पाकिस्तान के एनएसए (सुरक्षा सलाहकार)

बीएसएफ के डीजी व पाकिस्तान रैंजर्स के बीच होगी वार्ता

15 दिनों के भीतर दोनों देश एक-दूसरे के मछुआरों और उनकी नौकाओं को छोड़ेंगे

मुंबई हमले के वॉयस सैंपल मुहैया करायेंगे

शरीफ ने मोदी को दिया सार्क सम्मेलन में आने का न्योता

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