गाजियाबाद: सीबीआई की एक अदालत ने आज यहां दंत चिकित्सक दंपती राजेश और नूपुर तलवार की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने 13 और लोगों से पूछताछ किए जाने का आग्रह किया था. इन लोगों को पूर्व में जांच एजेंसी ने अभियोजन पक्ष का गवाह बनाया था, लेकिन उन्हें उनके बयानों के लिए कभी अदालत में पेश नहीं किया गया. तलवार दंपती ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि अभियोजन ने ‘‘जानबूझकर’’ कुछ गवाहों को वापस ले लिया जिनके बयान और संभावित गवाही आरोपियों के मामले के ‘‘पक्ष’’ में थी.
विशेष सीबीआई अदालत ने तलवार दंपती की एक अन्य याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें जांच एजेंसी को यह निर्देश देने का आग्रह किया गया था कि वह उनके कंपाउंडर कृष्णा और घरेलू नौकरों विजय मंडल तथा राजकुमार के खुलासा बयानों को रिकॉर्ड में लाए. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्याम लाल ने मामले में अंतिम बहस की शुरुआत के लिए 7 अक्तूबर की तारीख निर्धारित की है.
राजेश और नूपुर तलवार के वकील मनोज सिसौदिया ने कहा, ‘‘अदालत ने आज हमारे दोनों आवेदन खारिज कर दिए जो 30 सितंबर को दायर किए गए थे.’’ तलवार दंपती अपनी बेटी आरुषि और घरेलू नौकर हेमराज की हत्या के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं. यह वारदात 2008 में 15 और 16 मई की दरम्यानी रात हुई थी.
दंपती ने उच्च्तम न्यायालय में भी एक याचिका दायर कर सीबीआई को यह निर्देश दिए जाने का आग्रह किया है कि वह पूर्व में मामले में आरोपी बनाए गए तीन सहायकों के नार्को परीक्षण और ब्रेन मैपिंग परीक्षण की रिपोर्ट निचली अदालत के समक्ष रखे. याचिका पर शीर्ष अदालत द्वारा 7 अक्तूबर को सुनवाई किए जाने की संभावना है.